अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
पटना: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय.की वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृति को बिहार सरकार ने मंजूरी दे दी है. अब उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें विधानसभा चुनाव में बक्सर या भोजपुर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का उम्मीदवार बनाया जा सकता है. बता दें कि मुंबई में हुए एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत के मामले में पटना में एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके बाद डीजीपी के निर्देश पर ही बिहार पुलिस की टीम को जांच के लिए वहां भेजा गया था. इस मामले में गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी बातों को बेबाक तरीके से सबके सामने रखा था. कई बार वो खुलकर मीडिया के सामने आए थे. बिहार के युवाओं के बीच इनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है.
सोशल मीडिया के जरिए करेंगे प्रचार
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने फेसबुक वॉल पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा है कि मैं 23 सितंबर 2020 को शाम 6 बजे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब प्लेटफार्म पर लाइव आऊंगा. अपने इस कार्यक्रम का नाम 'मेरी कहानी, मेरी जुबानी' दिया है, जिसके तहत वो लोगों से
साक्षात्कार कर सकेंगे.
डीजीपी ने छोड़ा पद
आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय 33 साल की सर्विस पूरी कर चुके हैं. एसपी से लेकर डीआईजी, आईजी और एडीएडीजी बनने तक के सफर में गुप्तेश्वर पांडेय 26 जिलों में काम कर चुके हैं. साल 1993-94 में वे बेगूसराय और 1995-96 में जहानाबाद के एसपी रह चुके हैं. दोनों जिलों में अपने कार्यकार्यकाल के दौरान अपराधियों का खात्मा कर दिया था. इन्हें कम्यूनिटी पुलिसिंग के लिए भी जाना जाता है.
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी
गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. 31 जनवरी 2019 को उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था. उनका कार्यकाल करीब 5 महीने का ही बचा था. राज्य के पुलिस महानिदेशक के रूप में गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा होने वाला था. उनके इस कदम से साफ लग रहा है कि गुप्तेश्वर पांडेय ने चुनावी मैदान में उतरने की पूरी तैयारी कर ली है. एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत के मामले में उन्होंने अपनी बातों को बेबाक तरीके से सबके सामने रखा था. कई बार वो खुलकर मीडिया के सामने आए थे.
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