कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन की सीमा की रक्षा कर रहे सभी भारतीय जवानों के पास हथियार होते हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने को लेकर सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि हमारे सैनिकों को शहीद होने के लिए निहत्थे क्यों भेजा गया।
राहुल गांधी के इस सवाल के बाद विदेश मंत्री ने कहा कि 1996 और 2005 में हुए दो द्विपक्षीय समझौतों के प्रावधानों के अनुसार दोनों देशों की सेनाएं आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं करती हैं। राहुल गांधी द्वारा सवाल किए जाने के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, हम तथ्य को स्पष्ट कर दें। सीमा ड्यूटी पर सभी सैनिक हमेशा अपने पास हथियार रखते हैं, खासकर जब वे चौकी से बाहर निकलते हैं।
जवानों ने 15 जून को गलवान में भी ऐसा किया था। लंबे समय से चले
आ रहे चलन (1996 और 2005 के समझौतों के अनुसार) टकराव के दौरान आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं किया जाता। सोमवार को गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हुई भीषण झड़प में एक कर्नल सहित बीस भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। चीन ने हताहतों की संख्या के बारे में अभी तक कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने को लेकर बृहस्पतिवार को फिर से सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि 'हमारे सैनिकों को हथियार के बिना खतरे की ओर से किसने भेजा और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?' उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, ''चीन ने शस्त्रहीन भारतीय सैनिकों की हत्या करके बहुत बड़ा अपराध किया हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि इन वीरों को बिना हथियार के खतरे की ओर से किसने भेजा? क्यों भेजा? कौन जिम्मेदार है?
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