अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
पटना: भाजपा ने पिछले दिनों बिहार के लिए अपना चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए राज्य के लोगों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया. जिसे लेकर विपक्षी पार्टी उसपर हमलावर हो गईं और उन्होंने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की. इसपर आयोग का कहना है कि चुनावी घोषणापत्र में बिहार के लोगों से मुफ्त कोविड-19 वैक्सीन का वादा करना आदर्श आचार संहित का उल्लंघन नहीं है.
चुनाव आयोग की क्लीनचिट आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले की याचिका के जवाब में आई है. याचिका में उन्होंने आरोप लगाया था कि इस तरह की घोषणा करना केंद्र सरकार की शक्तियों का घोर उल्लंघन और मतदाताओं को गुमराह करने का प्रयास है. वो भी तब जब वैक्सीन को लेकर किसी नीति पर फैसला नहीं हुआ है.
चुनाव आयोग ने पिछले साल लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस की न्याय योजना के खिलाफ प्राप्त हुई शिकायत के खिलाफ भी यही रुख अपनाया था. इस योजना के तहत 25 करोड़ लोगों के लिए प्रति माह न्यूनतम आय 6,000 रुपये या प्रति वर्ष 72,000 रुपये करने की बात कही गई थी.
xss=removed>आचार संहिता के तीन प्रावधानों को किया उद्धृत
आयोग ने 28 अक्तूबर को गोखले को जवाब देते हुए आदर्श आचार संहिता के तीन प्रावधानों को उद्धृत किया. आयोग ने कहा, राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए जारी किए जाने वाले घोषणापत्र में कोई भी प्रतिकूल चीज नहीं होने चाहिए, जो संविधान के खिलाफ हो, ऐसे वादे करने से बचना चाहिए जो चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को भंग करते हैं या मतदाता पर अनुचित प्रभाव डालते हैं और वादों के पीछे तर्क को प्रतिबिंबित करना चाहिए. जवाब में यह भी कहा गया है कि घोषणापत्र हमेशा एक विशिष्ट चुनाव के लिए जारी किए जाते हैं.
गोखले को दिए जवाब में आयोग ने कहा, 'उपरोक्त यााचिका के मद्देनजर, आदर्श आचार संहिता के किसी भी प्रावधान का कोई उल्लंघन इस मामले में नहीं देखा गया है.' बता दें कि भाजपा के वादे ने पिछले हफ्ते राजद, कांग्रेस, और अन्य विपक्षी दलों को उसपर हमला करने का मौका दे दिया था. इन पार्टियों ने उसपर महामारी का राजनीतिकरण करने का आरोप और लोगों के डर से खेलने का आरोप लगाया था.
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