जामिया मिल्लिया के सैकड़ों छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर सोमवार को कुलपति नजमा अख्तर का दफ्तर घेर लिया। छात्र सुबह से ही कैम्पस में प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी मांग थी कि परीक्षाओं का टाइम टेबल फिर से बनाया जाए, सुरक्षा मजबूत की जाए और 15 दिसंबर को कैम्पस में पुलिस लाठीचार्ज के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई जाए। इसके बाद छात्रों ने मेन गेट तोड़कर कुलपति का दफ्तर घेर लिया। दोपहर करीब 2:15 बजे कुलपति अख्तर दफ्तर से बाहर आईं और छात्रों के सवालों के जवाब दिए। जामिया कैम्पस में लाठीचार्ज के 28 दिन बाद पहली बार कुलपति ने इस मामले में छात्रों से सीधा संवाद किया।
नजमा अख्तर ने कहा, "पुलिस बिना इजाजत कैम्पस में घुसी और मासूम छात्रों को पीटा। हमारी एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई। हमने इस मामले में सरकार से शिकायत की है और जरूरत पड़ी तो हम हाईकोर्ट भी जाएंगे।' हालांकि, कुलपति के इस जवाब पर छात्रों ने नारेबाजी की और कहा कि हमें आपकी बात पर भरोसा नहीं है।
एफआईआर: पुलिस ने कैम्पस में बेगुनाह छात्रों को पीटा। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। अब तक यूनिवर्सिटी प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं।
एग्जाम: पिछले दिनों हुए घटनाक्रम के चलते शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ है। हमारी परीक्षाओं का टाइमटेबल बदला जाए।
सुरक्षा: 15 दिसंबर की घटना के बाद से छात्रों के मन में भय है। ऐसे में कैम्पस में सुरक्षा बढ़ाई जाए।
एफआईआर: एफआईआर की प्रक्रिया मंगलवार से ही शुरू कर दी जाएगी। अदालत जाएंगे और वह हमारे हाथ में नहीं है।
एग्जाम: कुछ छात्रों की मांग पर ही हमने यूनिवर्सिटी खोली है। हमने यह एग्जाम शेड्यूल इसलिए बनाया है ताकि छात्रों को तैयारी का मौका मिल सके। एफआईआर और एग्जाम के बीच में कोई भी संबंध नहीं है।
सुरक्षा: पहले के मुकाबले सुरक्षा दोगुनी कर दी गई है। इस मुद्दे पर जो भी कदम उठाए जाने की जरूरत है, हम
उन्हें उठा रहे हैं।
सवाल- सुरक्षा के लिए अब तक क्या किया? एक एफआईआर तक नहीं हो पा रही?
जवाब- आप यहां परीक्षाओं और अपनी जरूरतों की बात करें। आप अपनी बातें मेरे मुंह से मत निकलवाइए। केवल एफआईआर दर्ज करवाने से ही सुरक्षा नहीं हो जाती है। सुरक्षा के लिए जो भी कदम हैं, हम उठा रहे हैं।
सवाल- एनआरसी और सीएए पर आपका क्या नजरिया है?
जवाब- केवल यूनिवर्सिटी से जुड़ी बातें ही पूछिए, दूसरी बातें नहीं।
सवाल- क्या आप इन हालात में हमें छोड़कर ऑस्ट्रेलिया जा रही हैं?
जवाब- मैं आपको छोड़कर कहीं नहीं जा रही। मैं यहीं हूं, आपके साथ।
सवाल- हिंसा के बाद हॉस्टल खाली करने की बात अपने क्यों कही थी?
जवाब- मैंने कभी ऐसा आदेश नहीं दिया। जेएंडके हॉस्टल में बच्चे थे, मैंने फोन करके कहा कि जो भी लड़के हैं, उन्हें हॉस्टल में बुला लो। गेट पर ताला लगा दो और उन्हें बाहर मत जाने देना। आप लोग गलत बयान न दें।
सवाल- अपने अधिकारों की बात कर रहे छात्रों पर एफआईआर दर्ज की गई। आपने एक भी एफआईआर दर्ज नहीं करवाई? आपकी बात पर भरोसा नहीं है।
जवाब- पुलिस शिकायत दर्ज नहीं कर रही। हमने सरकार से भी इस बारे में बात की है। कोर्ट भी जा रहे हैं और वह हमारे हाथ में नहीं है।
15 दिसंबर को जामिया के करीब न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान बसों और पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई। इस दौरान पुिलस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। शाम के वक्त पुलिस जामिया कैम्पस में दाखिल हुई और लाठीचार्ज किया। पुलिस का कहना था कि कुछ उपद्रवी कैम्पस में दाखिल हो गए थे, जिनके पीछे पुलिस गई। झड़प और लाठीचार्ज में करीब 60 छात्र, पुलिसवाले और दमकलकर्मी घायल हुए थे।
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