फिल्म इंडस्ट्री में संजय मिश्रा का 25वां साल है और अब तक उन्होंने अलग-अलग जॉनर में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है। इस साल भी उनके पास अच्छी खासी फिल्मों का तांता लगा है, जिनमें सामाजिक थ्रिलर 'ग्वालियर', 'कामयाब'और हॉरर कॉमेडी 'भूल भुलैया 2' शामिल हैं।
संजय ने बताया, 'मैं अलग-अलग चीजों को आजमाना बंद नहीं करूंगा, क्योंकि मैं यह देखना चाहता हूं कि दर्शक मेरे प्रयोगों पर किस तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। मुझे पता है कि वे मेरी फिल्मों से कुछ अलग पाने की उम्मीद करते हैं और यह मेरा प्रयास है कि हर बार ऐसा करूं।'
इन 25 सालों में उन्होंने जितनी फिल्में कीं, उन्हें करके वह बहुत खुश हैं और उन्हें अच्छा लगता है जब लोग विशेष रूप से उनके लिए भूमिकाएं लिखते हैं। वह कहते हैं, ‘इससे पहले कि मैं कोई फिल्म चुनूं, लेखक और निर्देशक मेरे लिए फिल्में चुनते हैं। वे मुझसे यह कहते हुए संपर्क करते हैं कि उनके पास मेरे लिए एक आदर्श
भूमिका है और वे चाहते हैं कि मैं ही उस फिल्म को करूं, क्योंकि मैं उस किरदार के लिए उपयुक्त हूं। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।’
'बंटी और बबली', 'गोलमाल', 'वेलकम', 'ऑल द बेस्ट : फन बिगिन्स' और 'दिलवाले' जैसी फिल्मों में संजय मिश्रा ने हास्य किरदार निभाए हैं। हालांकि इस 55 वर्षीय अभिनेता ने ‘सत्या’, ‘आंखों देखी’, ‘मसान’, ‘दम लगा के हईशा’ और ‘कड़वी हवा’ जैसी गंभीर फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया है।
उनके शब्दों में, ‘लोग मुझे कॉमेडी में देखना पसंद करते हैं और मुझे अपनी फिल्मों के लिए बहुत प्यार मिला है। मैंने कॉमेडी करना कभी बंद नहीं किया और न ही कभी करूंगा। लेकिन अब मैं कॉमेडी के नाम पर ‘कुछ भी’ नहीं करना चाहता। मैं इसके बारे में बहुत स्पष्ट हूं। मैं कई फिल्मों को अस्वीकार कर चुका हूं, जो मुझे ठीक नहीं लगीं। कुछ फिल्में तो ऐसी हैं, जिनसे ऐसा प्रतीत होता है कि फिल्मकार ऐसी फिल्म बनाकर खुद का मजाक बना रहे हैं।
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