वैसाख महीने की पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. पूर्णिमा तिथि, पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. माना जाता है कि इस तिथि पर जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है. इस दिन चंद्रमा पूर्णिमा तिथि पर पृथ्वी और जल तत्व को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है. चन्द्रमा इस तिथि के स्वामी होते हैं, अतः इस दिन हर तरह की मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है.
वैशाख पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त-
बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 18 मई 2019 को सुबह 04 बजकर 10 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 19 मई 2019 को सुबह 02 बजकर 41 मिनट तक
वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व -
- इस दिन को दैवीयता का दिन माना जाता है
- इसी
दिन भगवान बुद्ध का जन्म भी हुआ था
- इस दिन ध्यान दान और स्नान विशेष लाभकारी होता है
- इस दिन ब्रह्म देव ने काले और सफ़ेद तिलों का निर्माण भी किया था
- अतः इस दिन तिलों का प्रयोग जरूर करना चाहिए
इस तरह करें स्नान और ध्यान-
- प्रातः काल स्नान के पूर्व संकल्प लें.
- पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें.
- फिर स्नान करना आरम्भ करें.
- स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें.
- साफ वस्त्र या सफेद वस्त्र धारण करें , फिर मंत्र जाप करें.
- मंत्र जाप के पश्चात सफ़ेद वस्तुओं और जल का दान करें.
- चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं.
आज के दिन करें इन मंत्रों का जाप-
- "ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः"
- " नमः शिवाय"
- "ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः"
बुद्ध पूर्णिमा के दिन क्या करने से बचें-
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन मांस का सेवन ना करें.
- इस दिन घर में कलह करने से बचना चाहिए.
- इस दिन किसी को अपशब्द कहने से बचें.
- इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए!
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