जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार को हुई हिंसा के खिलाफ में छात्रों ने कैंपस के अंदर मार्च शुरू कर दिया है। छात्रसंघ के विरोध मार्च को देखते हुए कैंपस के मेन गेट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जेएनयू का छात्रसंघ नकाबपोश गुंडों के खिलाफ विरोध मार्च निकाल रहा है। दरअसल, बीते रविवार की शाम में जेएनयू कैंपस में नकाबपोशों ने लाठी-डंडों के साथ चार घंटे तक उत्पात मचाया था और कई छात्रों-शिक्षकों को मारकर घायल कर दिया था।
ऐसे शुरू हुआ था विवाद: छात्रावास की बढ़ी फीस को लेकर छात्रसंघ के बैनर तले परिसर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था। इस दौरान छात्रसंघ के दो गुटों में झड़प हुई। इसके बाद अचानक कुछ नकाबपोश लाठियां लेकर आए और हमला कर दिया। बीच-बचाव में कई प्रोफेसर भी घायल हो गए।
खुलेआम हथियार लहराते रहे अज्ञात: प्रत्यक्षदर्शी छात्रों ने बताया कि रविवार शाम करीब 5 बजे बड़ी संख्या में नाकाबपोश साबरमती टी-प्वाइंट पर पहुंच गए। उनके हाथों में लोहे की रॉड, लाठी और हथौड़े सहित अवैध हथियार थे।
इन्होंने आते ही छात्रों पर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से छात्रों में खलबली मच गई और वे जान बचाने के लिए हॉस्टल की ओर दौड़ने लगे। हमलावरों ने भी पीछा किया और हॉस्टल तक पहुंच गए।
उन्होंने हॉस्टल की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के साथ ही छात्रों को भी जमकर पीटा। शाम 5 बजे से लेकर रात 9 बजे तक हमलावर परिसर के अंदर ही मौजूद रहे। ये खुलेआम परिसर में घूमते रहे। जिन किसी ने भी इनका विरोध किया उसे इन्होंने जमकर पीटा। छात्रों का आरोप है कि नकाबपोश अलग-अलग गेटों से परिसर में पहुंचे थे, जिनकी संख्या 200 से ज्यादा थी।
घेर कर पीटा : जेएनयू छात्रों ने आरोप लगाया कि नाकाबपोशों ने सभी को चारों ओर से घेर लिया, जिसके बाद उन्होंने हमला किया। अचानक हुए हमले के बाद छात्रों ने अपनी जान बचाकर भागना शुरू किया। नकाबपोशों के डर से छात्र छतों, कमरों और पार्कों में पेड़ों के पीछे छिप गए। हमलावरों ने उन्हें ढूंढ़-ढूंढ़ कर पीटा। नाकाबपोशों में लड़कियां भी शामिल थीं, जिन्हें पहले से हॉस्टल और अन्य रास्तों की जानकारी थी।
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