पटना में खून का बड़ा खेल हो रहा है। खून चूसकर दलाल मोटी कमाई कर रहे हैं। इस काले कारोबार में धंघेबाज बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सोमवार को पटना मेडिकल कॉलेज में खून बेचने का मामला सामने आया है। दो सप्ताह में दूसरी बार खून देने पटना मेडिकल कॉलेज पहुंचे लड़के को अस्पताल में पकड़कर पूछताछ हुई तो धंधे का खुलासा हुआ और उसे पुलिस को सौंप दिया गया। पीरबहोर थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आए दिन दे रहे हैं खून
पटना मेडिकल कॉलेज में सोमवार को खून के धंधे का खुलासा हुआ। बाजार समिति का सचिन 15 दिन पहले कंकड़बाग में खून दिया था और फिर सोमवार को खून देने पहुंच गया। वह खून देने जा रहा था तभी डॉक्टरों की नजर उसके हाथ में सूई के निशान पर पड़ गई। इसके बाद डॉक्टरों ने जब पूछताछ की तो सचिन कुछ साफ नहीं बताया। मरीज से संबंध की बात पर वह कुछ नहीं बता पाया। इसके बाद डॉक्टरों को खून बेचने की आशंका हुई तो ततकाल पटना
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों ने पुलिस को फोन कर सचिन को सौंप दिया। पुलिस अपने साथ पूछताछ के लिए ले गई।
सचिन खुद को मददगार बता रहा है। उसका कहना है कि पिता ठेला चलाते हैं और वह कोई काम नहीं करता है। पुलिस को आशंका है कि वह पैसा लेकर खून बेचने वाले गिरोह के संपर्क में हैं। खुद को मददगार बताते हुए सचिन का कहना है कि सोमवार को एक मरीज अपने मोबाइल से किसी से बात कर रहा था। इस दौरान खून की समस्या बताई। सचिन का कहना है कि इस बात को सुनकर वह खून देने के लिए तैयार हो गया, लेकिन अचानक से किसी अपरचित के लिए खून देने के लिए तैयार हो जाना, वह भी एक बच्चे का यह बड़ा सवाल है। पुलिस ने उस युवक को भी हिरासत में लिया है, जिसने सचिन से खून लेने के लिए उसे अस्पताल लाया था। सूत्रों की मानें तो जांच सही से की जाए तो खून में दलालों के बड़े खेल का खुलासा हो जाएगा। पीरबहोर थाने की पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है।
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