दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों पक्षों की ओर से केस दर्ज हुए। क्राइम ब्रांच की एसआईटी टीम इस मामले की जांच करेगी, जिसकी कमान स्पेशल कमिश्नर स्तर के अफसर के हाथों में होगी। पुलिस का कहना है कि विवाद पार्किंग को लेकर हुआ था। पुलिस के वरिष्ठ अफसरों के साथ मारपीट की गई. इस मामले में सीसीटीवी फुटेज वेरिफाई की जा रही है। इस घटना में 20 पुलिसकर्मी, एक एडिशनल डीसीपी, 2 एसएचओ को चोटें आईं हैं। साथ ही 8 वकील चोटिल हुए हैं। 12 प्राइवेट बाइक, एक क्यूआरटी पुलिस जिप्सी और 8 जेल वैन डैमेज हो गईं, जिनमें कुछ को आग लगाई गई।
पुलिस का कहना है कि वकील लॉकअप के अंदर जाकर मारपीट करने लगे। उन्होंने पुलिस की गाड़ियों व बाइकों में आग लगा दी। इसके बाद कैदियों ने दम घुटने की शिकायत आई। मानव चेन बनाकर कैदियों को सुरक्षा के साथ तिहाड़ शिफ्ट किया गया। कैदियों को लाने ले जाने वाली थर्ड बटालियन से बहस और बवाल हुआ था। पुलिस ने बचाव में हवाई फायरिंग हुई, जिससे वकील घायल हुआ होगा लेकिन ये साइंटिफिक जांच के बाद क्लियर होगा।
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। पुलिस की फायरिंग के बाद वकील भड़क गए और उन्होंने पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की। वहीं वकीलों ने पुलिस के कुछ अधिकारियों की पिटाई भी कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक, वकीलों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी। वकीलों का गुस्सा यहीं नहीं थमा। उन्होंने कड़कड़डूमा कोर्ट में भी जमकर बवाल किया और पुलिस बैरिकेड को आग लगा दी। किसी तरह पुलिस ने मामला शांत कराया। कड़कड़डूमा कोर्ट के वकीलों ने आज शाम तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई हाथापाई मामले में दिल्ली पुलिस के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन किया।
इस घटना के दौरान भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। पुलिस और वकीलों के बीच विवाद इस कदर बढ़ गया कि वकीलों ने परिसर में खड़ी गाड़ियों तोड़फोड़ शरू कर दी और पुलिस की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसक झड़प में कई वकील घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दरअसल, ये मामला पार्किंग को लेकर बताया जा रहा है। वहीं, घायल वकीलों को सेंट स्टीफन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तस्वीर में साफ-साफ देखा जा सकता है
कि वकील खून से लथपथ है। इस घटना के दौरान मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई।
जानकारी के मुताबिक, तीस हजारी कोर्ट के लॉकअप के बाहर वकीलों और पुलिसवालों के बीच हाथापाई हुई। आरोप है कि थर्ड बटालियन के पुलिसवालों ने वकीलों पर हमले किए. कोर्ट में भारी हंगामा हुआ। इस घटना के दौरान वकीलों ने मौके पर पहुंचे कई पत्रकारों की भी पिटाई की। घटना के बाद कोर्ट परिसर में गुस्साए वकीलों ने काफी बवाल काटा। वहीं, डीसीपी मोनिका भारद्वाज के साथ बदसलूकी का भी मामला सामने आया है। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष केसी मित्तल ने पुलिस द्वारा वकीलों पर किए गए हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि एक वकील गंभीर रूप से घायल है। उन्होंने कहा कि उच्च पद पर बैठे एक पुलिस ने लॉकअप में वकील को पीटा, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए और मुकदमा चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं। वहीं, एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कहा, ' थर्ड बटालियन के पुलिस और वकीलों के बीच हाथापाई पार्किंग को लेकर हुई थी। इस मामले में कुछ अन्य वकील भी शामिल हुए, वे लॉकअप के अंदर घुसना चाहते थे और वे बदला लेना चाहते थे, लेकिन हमने वकीलों को अंदर नहीं आने दिया। हमने अंदर से ताला बंद कर दिया ताकि बिना किसी जोखिम के जवानों और कैदियों को अदालत के सामने पेश किया जाए। जब वकील अंदर नहीं जा सके तो वे आग जलाकर लॉकअप तोड़ना चाहते थे।
एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कहा, 'कोर्ट परिसर के अंदर हमलोगों ने सिर्फ पुलिस ही नहीं कैदियों की भी जान बचाने की कोशिश की। अगर किसी को गोली लगी है तो वो मेडिकल रिपोर्ट में सामने आएगा. हमें चोटें आईं। मुझे गर्व है कि मैंने लोगों को बचा लिया। 'इस झड़प में सुरेंद्र वर्मा नाम के एक वकील को गोली लगी है. दरअसल, मुलजिम को पेश करने के बाद एक पुलिसकर्मी वापस लौट रहा था, इसी दौरान वकील सुरेंद्र उसी मुलजिम से बात करते हुए लॉकअप तक जा पहुंचे। तभी पुलिस वाले ने रोकते हुए कहा कि यहां वकील के आने की अनुमति नहीं है। इसके बाद वकील और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई, फिर कहासुनी के बाद मामला इतना बढ़ गया कि इधर से वकील और उधर से पुलिसकर्मी आने लगे, इसी दौरान असलहाधारी पुलिसकर्मी से गोली चली और वकील सुरेंद्र घायल हो गए।
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