अमेरिका में काम करने वालों को अब वीजा के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. अमेरिकी ट्रंप प्रशासन ने H-1बी वीजा के लिए एप्लीकेशन फीस 10 डॉलर (करीब 700 रुपए) बढ़ा दी है. अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सर्विस (US Citizenship and Immigration Service) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस फीस के जरिए इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ERS) को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. इससे आने वाले समय में H-1बी वीजा के लिए लोगों के सिलेक्शन में आसानी होगी.
फीस पर ड़ालें एक नजर
- H-1बी वीजा आवेदन के लिए 460 डॉलर (करीब 32 हजार रुपए) लिए जाते हैं.
- इसके अलावा कंपनियों को धोखाधड़ी रोकने और जांच के लिए 500 डॉलर (करीब 35 हजार रुपये) का अतिरिक्त भुगतान भी करना पड़ता है.
- प्रीमियम क्लास में 1410 डॉलर (करीब 98 हजार रुपये) का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है.
जानें क्या है एच-1बी वीजा
अमेरिका हर साल हाई-स्किल्ड विदेशी कर्मचारियों को अमेरिकी कंपनियों में काम करने के लिए एच-1बी वीजा जारी करता है. टेक्निकल फील्ड की कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से
लाखों कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए इस पर निर्भर होती हैं. एक रिपोर्ट में सामने आया है कि ट्रंप प्रशासन ने भारतीयों को अनावश्यक रूप से निशाना बनाया और यहां के कर्मचारियों के एच-1बी वीजा आवेदन सबसे ज्यादा रद्द किए हैं.
कैसे किया जाता एच-1 बी वीजा के लिए आवेदन
एच-1बी के लिए आवेदन करने वालों को पहले खुद को ईआरएस (Electronic Registration System) में रजिस्टर कराना पड़ेगा. मैनुअल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के तहत एच-1बी वीजा आवेदनकर्ताओं की कुछ आवश्यक जांच की जाती है. आवेदकों को उनकी उच्च शिक्षा और स्किल्स के आधार पर एच-1बी वीजा दिया जाता है. रजिस्ट्रेशन करने के बाद यह तय किया जाता है कि आवेदक को एच-1बी वीजा देना है या नही.
कुचिनेली ने कहा ईआरएस के जरिये कम होगा फ्रॉड
यूएससीआईएस के कार्यवाहक निदेशक केन कुचिनेली का कहना है कि इससे फ्रॉड रोकने और योग्य उम्मीदवारों के सिलेक्शन में आसानी होगी. यूएससीआईएस के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन सिस्टम के जरिये अमेरिका में आव्रजन प्रणाली (Immigration system) को आधुनिक बनाया जाना है. यूएससीआईएस फाइनेंशियल ईयर 2021 से इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन सिस्टम लॉन्च कर सकती है.
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments