नई दिल्ली,Localnewsofindia-राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को जेल से बाहर निकलने के लिए अब 11 दिसंबर तक का इंतजार करना होगा। अब पहले यह तय होगा कि लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में आधी सजा काटी है या नहीं। इस अवधि को सत्यापित कराने के बाद लालू प्रसाद की ओर से हाईकोर्ट में 11 दिसंबर तक जवाब दाखिल करना होगा। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को दो मामलों में सात- सात साल की सजा सुनायी है।
शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान लालू के जेल में सजा की आधी अवधि को लेकर सीबीआई और लालू प्रसाद की ओर से अलग अलग दावे किए गए। सीबीआई का कहना था कि लालू प्रसाद ने जेल में अभी सिर्फ 34 माह ही बिताए हैं जबकि लालू प्रसाद की ओर से दावा किया गया कि उन्होंने इस मामले में 42 माह 28 दिन की अवधि काट ली है। दोनों के अलग- अलग दावे के बाद लालू प्रसाद की ओर से पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में सजा की आधी अवधि को सत्यापित करने का प्रस्ताव देते हुए सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने सजा की अवधि को सत्यापित कर 11 दिसंबर को लालू प्रसाद को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से कहा गया कि लालू प्रसाद को सात साल की सजा सुनायी
गयी है। इस मामले में लालू प्रसाद ने पटना के जेल में भी कुछ दिन थे। अभी तक उन्होंने 42 माह से अधिक की अवधि जेल में बितायी है, जिस कारण उन्हें जमानत का लाभ मिलना चाहिए। लेकिन सीबीआई लगातार इसका विरोध करते रही। सीबीआई का दावा था कि लालू प्रसाद की ओर से जो दावा किया जा रहा है उसमें त्रुटि है। लालू प्रसाद को चारा घोटाले के चार मामलों में सजा मिली है। तीन मामलों में उन्हें जमानत मिल गयी है। दुमका कोषागार के मामले में जमानत मिलने के बाद वह जेल से बाहर निकल जाएंगे।
निदेशक बंगला से रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट किए गए लालू
चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को गुरुवार को रिम्स के निदेशक बंगला से हटाकर पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। रिम्स निदेशक के आदेश के बाद रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बुधवार शाम जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर जल्द से जल्द लालू प्रसाद को निदेशक बंगला (केली बंगला 1) से पेइंग वार्ड के कमरा संख्या ए 11 में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था। इसी कमरे में लालू प्रसाद का इलाज पहले भी चल रहा था। पत्र मिलने के बाद जेल अधीक्षक हामिद अख्तर गुरुवार दोपहर दो बजे के करीब ही रिम्स निदेशक बंगला पहुंच गए थे। वहां से पूरी सुरक्षा में शाम चार बजे लालू प्रसाद को एंबुलेंस से पेइंग वार्ड लाया गया। लालू प्रसाद को पेइंग वार्ड लाने से पहले रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने खुद पेइंग वार्ड आकर उन्हें रखने की व्यवस्था का मुआयना किया।
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