अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: संविधान दिवस के मौके पर आज पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. गुजरात के केवड़िया में पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना संबोधन दिया. इस मौके पर पीएम मोदी ने संविधान और कानून को लेकर अपने विचार रखे. इस दौरा उन्होंनें 26/11 मुंबई आतंकी हमले को याद करते हुए हमले में मारे गए जवानों को याद किया.
संविधान और कानून पर PM ने रखे अपने विचार
इस मौके पर पीएम मोदी ने संविधान को लेकर कहा कि हर नागरिक का आत्मसम्मान और आत्मविश्वास बढ़े, ये संविधान की भी अपेक्षा है और हमारा भी ये निरंतर प्रयास है. ये तभी संभव है जब हम सभी अपने कर्तव्यों को, अपने अधिकारों का स्रोत मानेंगे, अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे.
उन्होंने कहा कि हमारे यहां बड़ी समस्या ये भी रही है कि संवैधानिक और कानूनी भाषा, उस व्यक्ति को समझने में मुश्किल होती है जिसके लिए वो कानून बना है. मुश्किल शब्द, लंबी-लंबी लाइनें, बड़े-बड़े पैराग्राफ, क्लॉज-सब क्लॉज, यानि जाने-अनजाने एक मुश्किल जाल बन जाता है.
'वन नेशन, वन इलेक्शन' देश की जरूरत- PM मोदी
इस मौके पर उन्होंने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' केवल विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं है, बल्कि देश की जरूरत भी है. यह विकासात्मक कार्य को बाधित करता है और आप सभी इसके बारे में जानते हैं. हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और कार्यालय-धारक इस पर विचार-विमर्श कर सकते हैं. लोकसभा, विधानसभा और अन्य चुनावों के लिए केवल एक मतदाता सूची का उपयोग किया जाना चाहिए. हम इन सूचियों पर समय और पैसा क्यों बर्बाद कर रहे हैं?
मुंबई आतंकी हमले को किया याद
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई आतंकी हमले को भी याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज की तारीख, देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले के साथ जुड़ी हुई है. पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोल दिया था। इस हमले में अनेक लोगों की मृत्यु हुई थी. कई देशों के लोग मारे गए थे।मैं मुंबई हमले में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
कोरोना काल में चुनाव पर रखे विचार
इस मौके पर पीएम मोदी ने कोरोना के समय में चुनाव को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती दुनिया ने देखी
है. इतने बड़े स्तर पर चुनाव होना, समय पर परिणाम आना, सुचारु रूप से नई सरकार का बनना, ये इतना भी आसान नहीं है. हमें हमारे संविधान से जो ताकत मिली है, वो ऐसे हर मुश्किल कार्यों को आसान बनाती है.
पीएम ने कोरोना महामारी का किया जिक्र
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि इस वैश्विक महामारी के दौरान भारत की 130 करोड़ से ज्यादा जनता ने जिस परिपक्वता का परिचय दिया है, उसकी एक बड़ी वजह, सभी भारतीयों का संविधान के तीनों अंगों पर पूर्ण विश्वास है. इस विश्वास को बढ़ाने के लिए निरंतर काम भी हुआ है.
अधिकारियों को याद दिलाई लोकतंत्र की ताकत
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि अधिकारियों की अध्यक्षता के रूप में हमारे लोकतंत्र में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है. आप सभी, कानूनविद के रूप में, लोगों और राष्ट्र के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं. आप कार्यकारी, न्यायपालिका और विधायिका के बीच समन्वय को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि संविधान के तीनों अंगों की भूमिका से लेकर मर्यादा तक सबकुछ संविधान में ही वर्णित है. 70 के दशक में हमने देखा था कि कैसे separation of power की मर्यादा को भंग करने की कोशिश हुई थी, लेकिन इसका जवाब भी देश को संविधान से ही मिला.
देशवासियों को दी संविधान दिवस की शुभकामनाएं
इस मौके पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं हर भारतीय नागरिक को संविधान दिवस की शुभकामना देना चाहता हूं. मैं संविधान बनाने में शामिल सभी सम्मानित व्यक्तियों को धन्यवाद देना चाहता हूं. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद और बाबा साहेब अंबेडकर से लेकर संविधान सभा के सभी व्यक्तित्वों को भी नमन करने का दिन है, जिनके अथक प्रयासों से देश को संविधान मिला है. आज का दिन पूज्य बापू की प्रेरणा को, सरदार पटेल की प्रतिबद्धता को प्रणाम करने का दिन है.
देश मना रहा संविधान दिवस
भारत आज अपना संविधान दिवस मना रहा है. 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था. देश में 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू किया गया. 19 नवंबर, 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया था.
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