अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर दावा किया गया है कि मोटर वाहन
अधिनियम 2019 के तहत चालान जारी करने का तंत्र मनमाना और खराब है तथा बेहतर
प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर इसमें सुधार किया जाना चाहिए.
जारी करने का
तंत्र मनमाना और खराब
वकील सोनाली
करवासरा ने याचिका में कहा कि बिना उचित विश्वस्त प्रौद्योगिकी के चालान जारी किए
जा रहे हैं और यातायात उल्लंघन की निगरानी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली
प्रौद्योगिकी के मानकीकरण की आवश्यकता है.
उन्होंने दावा
किया है कि यातायात नियम तोडऩे वालों का पता लगाने के लिए
अधिकारियों द्वारा उपयोग
की जाने वाली 'अप्रचलित और पुरानी प्रौद्योगिकी के कारण
अधिनियम को कुशलतापूर्वक लागू करने में 'कई रोड़े' हैं.
खराब उपकरण की
वजह से लगाया गया भारी जुर्माना
उनकी याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस तरह की कई मिसालें हैं कि खराब उपकरण की वजह से भारी जुर्माना लगाया गया और बाद में उसे रद्द किया गया. अपनी याचिका में उन्होंने एक ऐसा ही उदाहरण दिया जिसमें एनएच 24 पर यातायात विभाग द्वारा अगस्त से 10 अक्टूबर 2019 के बीच तेज गति से वाहन चलाने पर किए 1.57 लाख से ज्यादा चालानों को कथित रुप से वापस लिया गया था.
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