रोशनी जमीन घोटाला में कांग्रेस-पीडीपी समेत NC नेता शामिल

पुलिस ने लेवी मांगनेवाले दो अपराधियों को हथियार सहित दबोचा Karauli : श्री महावीर जी में भगवान जिनेन्द्र की निकली रथ यात्रा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बीच स्थित नहरों का जंक्शन है खास 29 को कल्पना सोरेन गांडेय से करेगी नामांकन बीजापुर के आराध्य देव चिकटराज मेले का हुआ समापन उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लगातार जारी कांग्रेस प्रत्याशी ने किया नामांकन फॉर्म जमा - झाबुआ रामपुर पहुंचे संजय सिंह, कहा- इंडिया गठबंधन की बनेगी सरकार दंतेवाड़ा 18 नक्सली सरेंडर हमीरपुर में मतदान बढ़ाने का लिया गया संकल्प मऊ में मतदान के लिए दिलाई गई शपथ गर्मियों में बढ़ गई है गैस और अपच की समस्या Dream Girl 3 में अनन्या पांडे नहीं सारा अली खान नजर आएगी Liquor Shop Closed: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में आज से 26 अप्रैल तक बंद रहेंगे ठेके PM-चुनावी दौरा-प्रदेश मतदाता जागरूकता-प्रदेश पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे यात्रियों को किफायती मूल्य पर भोजन उपलब्ध कराएगा आज का राशिफल पीलीभीत में सड़क सुरक्षा जागरूकता को स्कूलों में दिलाई गई शपथ चुनाव प्रचार समाप्त

रोशनी जमीन घोटाला में कांग्रेस-पीडीपी समेत NC नेता शामिल

Anjali Yadav 23-11-2020 16:56:54

अंजलि यादव,

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,



श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के इतिहास के सबसे बड़े जमीन घोटाले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. 25 हजार करोड़ के इस जमीन घोटाले में कई पार्टी के नेताओं के शामिल होने की जानकारी सामने आई है. जम्मू-कश्मीर में सरकारी जमीनों पर धड़ल्ले से कब्जा करने वाले नेताओं और नौकरशाहों की लिस्ट आजतक के पास मौजूद है.



घोटाले में पूर्व वित्त मंत्री हसीब दरबो के भी शामिल 

खास बात यह है कि इस घोटाले में पीडीपी नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री हसीब दरबो के भी शामिल होने की पुष्टि हुई है. इसके अलावा उनकी रिश्तेदार शहजादा बानो, एजाज हुसैन और इफ्तिकार दरबो के नाम भी सामने आए हैं. इसके अलावा कांग्रेस नेता केके अमला पर भी इस घोटाले में शामिल होने की पुष्टि हुई हैं. अब इन सभी से वह जमीन वापस ली जाएगी.



गरीब लोगों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया एक्ट 

1999 के पहले जो सरकारी जमीन थी उसे गरीब तबगे के लोगों को विधिपूर्वक जमीन उपलब्ध
कराने के लिए रोशनी एक्ट बनाया गया था. इसका दूसरा उपयोग पॉवर प्रोजेक्ट के लिए पैसा इकट्ठा करना था ताकि उसे जम्मू-कश्मीर के पॉवर प्रोजेक्ट में लगाया जा सके. 2001 में इसे बनाया गया था. लेकिन इसमें समय-समय पर संशोधन किया जाता रहा. समय-समय पर राज्य में सरकारें बदलती रहीं और लगातार राजनेताओं को फायदा उठाने का मौका दिया जाता रहा.




घोटाले में कई बिजनेसमैन और अफसरशाहों भी शामिल

इस घोटाले में कई बिजनेसमैन और अफसरशाहों के नाम भी सामने आए हैं. राज्य के एलजी मनोज सिन्हा ने साफ-साफ कहा था कि सभी से जमीन वापस ली जाएगी. यही वजह है कि अब ये कदम उठाए जा रहे हैं. इन लोगों ने सरकारी जमीन को अपने नाम तो किया ही साथ ही साथ अपने रिश्तेदारों को भी दिलवाई. अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद इन लोगों से जमीन वापस ली जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि राज्य में होने वाले डीडीसी चुनावों के दौरान यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :