अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: पाकिस्तान, बांग्लादेश से लेकर लेबनान तक दुनिया के तमाम मुल्कों में पैगंबर के कार्टून को लेकर विवाद और बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद फ्रांस के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन देखा गया. जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठनों और जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं ने स्वात घाटी के मत्ता बाजार में भारी प्रदर्शन किया साथ ही इस दौरान एक रैली भी आयोजित की गई. इसमें फ्रांस के सामानों का पूरे देश में बहिस्कार करने के लिए कहा गया.
इस्लामाबाद में
लाठीचार्ज
इन रैलियों को संबोधित करने वालों ने इमरान खान पर दबाव बनाते हुए कहा कि सरकार को फ्रांस के साथ हुए सभी समझौतों को रद्द कर देना चाहिए. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में फ्रांसीसी दूतावास की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक का करना पड़ा. लाहौर में प्रदर्शनकारियों ने मैक्रों का पुतला जलाया.
बांग्लादेश में
लगभग 10 हजार लोगों ने ढाका में किया मार्च
वहीं
यरुशलम में
हजारों फलस्तीनियों ने अल-कक्सा मस्जिद के सामने प्रदर्शन किए. कुछ युवक इजरायली पुलिस से भिड़ गए. लेबनान की राजधानी बेरुत में भी प्रदर्शन हुए. इसके अलावा जानकारी मिली है कि बांग्लादेश की
राजधानी ढाका समेत पूरे देश में शुक्रवार की नमाज के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति के
विरोध में प्रदर्शन किया गया.
बांग्लादेश में
लगभग 10 हजार लोगों ने ढाका में मार्च किया और फ्रांस के सामानों
का बहिस्कार करने की अपील की. लोगों ने अपने
हाथों में बड़े बड़े बैनर लिए थे जिसमें लिखा था कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल
मैक्रों दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी हैं.
मजहबी कट्टरता के
खिलाफ जंग का एलान
वहीं दो हफ्तों
के भीतर दो आतंकी हमलों का सामने करने वाले फ्रांस ने मजहबी कट्टरता के खिलाफ जंग
का एलान कर दिया है. फ्रांस के राष्ट्रपति
के इस एलान का कई अन्य देशों ने फ्रांस का समर्थन किया है. हालात का जायजा लेने नीस पहुंचे फ्रांसीसी राष्ट्रपति
इमैनुअल मैक्रों ने इसे आंतकी हमला करार दिया है. उन्होंने कहा कि
आतंकी रोधी अभियान में सैनिकों की संख्या बढ़ाई जाएगी. राष्ट्रपति ने देश के गिरिजाघरों और स्कूलों की सुरक्षा
बढ़ाने की बात कही है.
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