भारत का एकलौता ऐसा किला, जहां बिना किराया दिए दशकों से रह रहे हैं लोग

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भारत का एकलौता ऐसा किला, जहां बिना किराया दिए दशकों से रह रहे हैं लोग

Anjali Yadav 24-10-2020 17:27:02

अंजलि यादव,

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,



नई दिल्ली: हम सभी जानते हैं कि शहरों में रहना कितना महंगा होता है. ख़ुद का घर न हो तो कमाई का एक बड़ा हिस्सा किराये पर ख़र्च हो जाता है. ऐसे में अगर हम आपसे कहें कि एक ऐसा बसेरा भी है, जहां हज़ारों लोग एकसाथ रहते हैं, वो भी बिना पैसा दिए तो आश्चर्य तो होगा.



हज़ारों लोग रहते बिना किराया दिए
ये चौंकाने वाला है, लेकिन सच है. राजस्थान के जैसलमेर में एक किला है, जहां हज़ारों लोग बिना किराया दिए रहते हैं. रिकॉर्ड के अनुसार, हज़ारों परिवार एक पैसे का भुगतान किए बिना भी इस शानदार रेगिस्तानी किले के अंदर रह रहे हैं.

इस किले का निर्माण राजा रावल जैसल ने सन् 1156 में करवाया था और ये राजस्थान में प्रसिद्ध जैसलमेर किले के रूप में जाना जाता है. इसके अलावा, ये किला यूनेस्को के विरासत स्थलों में से एक है. आज भी ये किला अपने पुराने रूप में मौजूद है, इसलिए इसे ज़िंदा किला भी कहा जाता है.



पर्यटन के माध्यम से अपनी आजीविका
कमा रहे

रिपोर्ट के मुताबिक, महल के शुरुआती निवासियों के लगभग 4000 पूर्वज अभी भी इस किले की दीवारों के अंदर रहते हैं, और पर्यटन के माध्यम से अपनी आजीविका कमा रहे हैं. कोई निश्चित तारीख़ दर्ज नहीं है, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि राजा रावल जैसल ने सेवादारों की सेवा से खुश होकर 1500 फीट लंबा किला उन्हें दे दिया था. तब से लेकर अब तक 800 साल गुज़र जाने के बाद भी उनके वंशज इस किले में बिना कोई किराया दिए रह रहे हैं.




किले की वास्तुकला बेहद दिलचस्प

बता दें, जैसलमेर का ये किला 99 बुर्ज यानि गढ़ और 250 फीट लंबा है. पीले बलुआ पत्थरों से इस किले की दीवारों का निर्माण किया गया है. इस किले की छत को लगभग 3 फ़ीट कीचड़ से ढका गया है, जिससे गर्मी के दिनों में यहां रहने वाले लोगों को राहत मिलती है.

इस किले की वास्तुकला भी बेहद दिलचस्प है, जो पर्यावरण के अनुकूल है. किले में हवा के आने के लिए जालीदार खिड़कियां बनाई गई हैं.

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