बिहार: 108 आदिवासी गांव चुनाव का करेंगे बहिष्कार

चिराग पासवान ने महेश्वर हजारी पर हमला बोला Airtel ने इंटरनेशनल रोमिंग पैकेज लॉन्च किया 30 अप्रैल को कोर्ट में फिर से पेश होंगे बाबा रामदेव पवन सिंह ने रोहतास में शुरू किया रोड शो चित्रकूट में हनुमान जन्मोत्सव पर विविधि कार्यक्रम भगवान हनुमान जी के जन्मोत्सव पर आज हनुमान मंदिर में की जा रही विधिवत पूजा अर्चना ललितपुर में दो बाइकों की टक्कर में दो की लोगों की मौत प्रशांत किशोर ने कहा शिक्षा का स्तर बढ़ाए सरकार सहरसा में वीर कुंवर सिंह जयंती समारोह बदायूं से ग्यारह प्रत्याशी मैदान में। हनुमान जयंती प्रधानमंत्री-प्रदेश दौरा आज का राशिफल लू की चेतावनी के बीच निर्वाचन आयोग ने आज विभिन्‍न पक्षों के साथ बैठक की यूक्रेन युद्ध से हुआ हृदय परिवर्तन, यूक्रेन की मडिया बनी करणेश्वरी संजय निषाद पर हमला जिला सहकारी बैंक के वर्तमान अध्यक्ष का नवाज खान पर बड़ा आरोप । विश्व पृथ्वी दिवस फारबिसगंज मे 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित विशाल चुनावी जनसभा भोपाल में एनसीसी कैडेट्स ने विश्व पृथ्वी दिवस पर किया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

बिहार: 108 आदिवासी गांव चुनाव का करेंगे बहिष्कार

Anjali Yadav 24-10-2020 12:19:45

अंजलि यादव,

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,



पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यहां के कैमूर पठारों में स्थित 108 गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. यहां के स्थानिय निवासियों का आरोप है कि पुलिस ने इलाके की जनजातीय आबादी पर सख्ती बरती है. इन प्रदर्शनों का नेतृत्व कैमूर मुक्ति मोर्चा संगठन की ओर से किया गया था. लोगो ने बताया पुलिस की तरफ से यह कार्रवाई तब की गई, जब आदिवासी इलाके के टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.



केएमएम की मांग
संगठन का आरोप है कि इलाके में काम कर रहे उसके 25 एक्टिविस्ट्स को पुलिस ने फर्जी मामलों में गिरफ्तार किया. दूसरी तरफ गांववालों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उन्हें इलाके से नहीं निकाला जाएगा, इसके बावजूद वन विभाग जबरदस्ती लोगों को यहां से निकालने में जुटा है. साथ ही उनकी
फसलों को भी तहस-नहस किया जा रहा है.

ऐसे में केएमएम ने मांग की है कि सरकार को कैमूर को अनुसूचित इलाका घोषित करना चाहिए. इलाके में टाइगर रिजर्व के निर्माण का काम सिर्फ ग्राम सभाओं और इलाके में रहने वाली जनजातीय आबादी से मंजूरी लेने के बाद ही शुरू किया जाना चाहिए.



एक आदिवासी को लगी थी गोली
दरअसल शुक्रवार को इसे लेकर एक चार सदस्यीय पैनल ने दिल्ली से रिपोर्ट निकाली है. रिपोर्ट के मुताबिक, 10 सितंबर को 108 गांवों के आदिवासी अधौरा में स्थित वन विभाग के दफ्तर के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे. उस दौरान पुलिस ने भीड़ पर कार्रवाई की, जिसमें सात कार्यकर्ताओं पर गोली चलाई गई और लाठीचार्ज किया गया. इसके बाद 16 अक्टूबर को सभी सातों कार्यकर्ताओं को जमानत पर छोड़ा गया. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि एक आदिवासी प्रभु की पुलिस की गोली लगने से मौत हुई थी.

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :