अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: बचपन में हम सभी रात को सोते समय तारों को देखते थे, तो उन्हें गिनते थे और उनमें कई तरह की आकृतियां खोजते थे. कभी चिड़िया, कभी बंदर, कभी शेर, तो कभी त्रिभुज और चतुर्भुज. लेकिन हमें उस समय ये बिल्कुल नहीं पता था कि इसके पीछे ब्रह्मांड का कितना बड़ा रहस्य छिपा है. धरती का एक हिस्सा भी कुछ इसी तरह का रहस्यमय है. लैटिन अमेरिकी देश पेरू के नाज्का रेगिस्तान में भी कई तरह की आकृतियां मौजूद हैं. आइए जानते आखिर नाज्का रेगिस्तान में दुनिया का सबसे रहस्यमय अनोखा चित्र-
आकृति करीब 2200 साल पुरानी
नाज्का रेगिस्तान पर खोजकर्ता दल में शामिल पुरातत्वविदों का अनुमान है कि यह आकृति करीब 2200 साल पुरानी है. यह रेखाचित्र रेखाचित्र अलास्का से अर्जेंटीना की ओर जाने वाले हाईवे के किनारे पहाड़ी पर दिखे हैं. पेरू में सदियों से संरक्षित नाज्का लाइंस नाज्का संस्कृति की विरासत माना जाता है. इससे पहले भी कई बार यहां विशाल बिल्ली के रेखाचित्र मिले हैं.
300 से अधिक अलग तरह की आकृतियां खोजी
नाज्का लाइंस पर अबतक 300 से अधिक अलग-अलग तरह की आकृतियां
मिल चुकी हैं. इन आकृतियों में पशु और ग्रह की रेखाचित्र शामिल है. पुरातत्वविद जॉनी इस्ला बताते हैं कि बिल्ली का ये रेखाचित्र उस समय मिला जब दर्शकों को देखने के लिए बनी जगहों को साफ किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि करीब 2200 साल पहले भी लोगों ने बिना किसी आधुनिक तकनीक के इन चित्रों का निर्माण किया है, जो हैरान करने वाला विषय है.
बहुत मुश्किल से आई नजर
पेरू के संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक जब बिल्ली के रेखाचित्र की खोज की गई, तो वह बहुत मुश्किल से नजर आ रहा था. क्योंकि यह रेखाचित्र लगभग खत्म होने की कगार पर था. बिल्ली का यह रेखाचित्र तीव्र पहाड़ी ढलान पर है और इसका प्राकृतिक रूप से क्षरण हो रहा था.
500 ईसा पूर्व से 200 ईस्वी के बीच की चित्र
कई सप्ताह तक संरक्षण और सफाई करने के बाद अब बिल्ली जैसी आकृति उभरकर सामने आई है. पुरातत्वविदों के मुताबिक, बिल्ली की यह आकृति पराकास काल के अंतिम दिनों में बनाई गई है, जो 500 ईसा पूर्व से 200 ईस्वी के बीच था. यह रेखाचित्र 12 से 15 इंच मोटा है.
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