अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: दुनिया के 210 से ज्यादा देश वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे हैं. इसके इलाज के लिए दवाएं और अन्य उपचार मौजूद तो हो गए हैं, लेकिन इससे बचाव के लिए दुनियाभर के देशों को एक कारगर और सुरक्षित वैक्सीन का इंतजार है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जो वैक्सीन कैंडिडेट्स अंतिम चरण के ट्रायल से गुजर रहे हैं, वे सभी इंजेक्शन से लगाई जानी वाली वैक्सीन हैं.
देशों के वैज्ञानिक वैक्सीन पर कर रहे काम
हालांकि आपको बता दें कि नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन पर भी कुछ देशों के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, चूंकि कोरोना का संक्रमण नाक, मुंह आदि के जरिए ही शरीर में प्रवेश करने पर होता है और हमारी श्वास नली में वायरस बहुत तेजी से अपनी संख्या बढ़ाता है, इसलिए नाक से दी जाने वाली वैक्सीन असरदार साबित होगी. नेजल वैक्सीन पर बड़ी अपडेट यह है कि जल्द ही इसका भारत में ट्रायल होने जा रहा है.
वायरस के मामलों में आ रही कमी
बताया जाता है कि देश में कोरोना वायरस के मामलों में कमी आ रही है. हालांकि सर्दियों में इसका संक्रमण बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है. लेकिन राहत की बात यह है कि हम वैक्सीन पर सफलता के करीब भी पहुंच चुके हैं और उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में देश में एक कारगर और सुरक्षित वैक्सीन उपलब्ध होगी. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत में जल्द ही
अंतिम चरण के ट्रायल शुरू होंगे.
देश में वैक्सीन का आखिरी ट्रायल शुरू
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि आने वाले महीनों में देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक इंट्रानैजल कोरोना वैक्सीन का आखिरी ट्रायल शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत में एक भी इंट्रानैजल कोरोना वैक्सीन का ट्रायल नहीं चल रहा है, लेकिन आने वाले महीनों में मंजूरी के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया या भारत बायोटेक द्वारा ऐसे टीकों के क्लीनिकल ट्रायल किए जाने की संभावना है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आमतौर पर अंतिम चरण के परीक्षण में हजारों प्रतिभागी शामिल होते हैं. कभी-कभी 30 से 40 हजार लोग भी होते है. बता दें कि भारत में रूस की पहली कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल चुकी है. हैदराबाद की कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब. ने पहले भी अनुमति मांगी थी, लेकिन सुरक्षित डाटा के अभाव में अनुमति नहीं दी गई थी. भारतीय दवा नियामक डीसीजीआई की इजाजत के बाद कंपनी जल्द ही ट्रायल शुरू करने वाली है.
रूस ने दूसरी वैक्सीन को भी दी मंजूरी
वैक्सीन की प्रगति और सफलता की बात की जाए तो रूस ने दूसरी वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी है, जबकि तीसरी वैक्सीन भी बना लेने का दावा किया जा रहा है. खबरों के मुताबिक, रूस में लोगों को वैक्सीन लगाया जाना शुरू हो चुका है. चीन में भी उच्च जोखिम समूहों के लिए वैक्सीन की बिक्री शुरू कर दी गई है. भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देश भी वैक्सीन पर सफलता के करीब पहुंच चुके हैं.
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