हर खतरे से निपटने के लिए ब्रह्मोस

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हर खतरे से निपटने के लिए ब्रह्मोस

Gauri Manjeet Singh 28-09-2020 15:46:19

नई दिल्ली,Localnewsofindia- भारत-चीन के बीच लद्दाख में महीनों से चले आ रहे सीमा विवाद की वजह से किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना ने पूरी तैयारी कर ली है। सेना ने लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की बड़ी संख्या में तैनाती कर रखी है। इस बीच, सेना ने 500 किलोमीटर रेंज वाली ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल और 800 किलोमीटर की रेंज वाली निर्भय मिसाइल को भी तैयार रखा है।

वहीं, पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमांड ने लद्दाख गतिरोध शुरू होने के बाद तिब्बत और शिनजियांग में 2,000 किमी रेंज वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और हथियारों को तैनात किया था। भारत ने भी किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सुपरसोनिक ब्रह्मोस , सबसोनिक निर्भय और आकाश को तैयार कर लिया है। चीन की तैनाती कब्जे वाले अक्साई चिन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के काशगर, होटन, ल्हासा, निंगची की डेप्थ पॉजिशन तक है।

भारत के तैयार हथियारों में ब्रह्मोस मिसाइल शामिल है, जोकि हवा से हवा और हवा से सतह तक मार करने की क्षमता रखती है। 300 किलोग्राम के वॉरहेड वाली क्रूज मिसाइल के जरिए तिब्बत और शिनजियांग के एयरस्ट्रिप पर नजर रखी जा सकती है। ब्रह्मोस मिसाइल को लद्दाख सेक्टर में पर्याप्त संख्या में तैयार रखा
गया है। इसके अलावा, ब्रह्मोस का इस्तेमाल भारत के द्वीप क्षेत्रों में कार निकोबार एयर बेस का उपयोग करके हिंद महासागर में चोक पॉइंट बनाने के लिए किया जा सकता है। 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय वायुसेना का कार निकोबार एयर बेस SU-30 MKI के लिए सबसे शानदार लैंडिंग ग्राउंड है, जिसका एयर-टू-एयर रिफ्यूलेर्स का उपयोग कर सकते हैं। यह इंडोनेशिया में मलक्का स्ट्रेट से सुंडा स्ट्रेट तक आने वाले किसी भी पीएलए युद्धपोत के खतरे से सुरक्षा प्रदान करता है।

वहीं, निर्भय सबसोनिक मिसाइल की सीमित संख्या में तैनाती की गई है। 1,000 किमी की पहुंच वाली यह मिसाइल समुद्री स्किमिंग और लोइटरिंग दोनों की क्षमता रखती है। इसका मतलब है कि यह मिसाइल जमीन से 100 मीटर से चार किमी के बीच उड़ान भरने में सक्षम है और टारगेट तय कर लेती है। निर्भय मिसाइल सतह से सतह मार करने वाली मिसाइल है।

भारतीय सेना द्वारा तैयार रखा गया तीसरा हथियार आकाश है, जिसे लद्दाख सेक्टर में एलएसी के पार से किसी भी पीएलए विमान की घुसपैठ का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त संख्या में तैनात किया गया है। कब्जे में अक्साई चिन में पीएलए वायुसेना की लड़ाकू गतिविधियां जारी हैं। पहले की तुलना में इनकी संख्या काफी कम हो गई है। हालांकि, काराकोरम दर्रे के पास दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में पीएलए की हवाई गतिविधियों को लेकर जरूर चिंताएं हैं।

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