अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ़ इंडिया,
नई दिल्ली: विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बीच राज्यसभा से भी कृषि विधेयकों को पारित कर दिया गया. कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक-2020 और कृषक कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को पारित कर दिया गया है. ध्वनिमत से पारित होने से पहले इन विधेयकों पर सदन में खूब हंगामा हुआ. वहीं 12 सांसद सदन में ही धरने पर बैठ गए.
सदन में खत्म होने के बाद भी कुछ सांसद राज्यसभा में धरने पर बैठे थे. हालांकि बाद में राज्यसभा सांसदों ने सदन के अंदर से धरना खत्म किया और संसद परिसर में गांधी जी की मूर्ति के पास धरना देने लगे. विपक्षी पार्टियों के नेता गांधी स्टैचू पर धरने पर बैठे जिसमें कांग्रेस आम आदमी पार्टी, कांग्रेस सहित कई पार्टी के नेता मौजूद थे. कुछ देर बाद सांसदों का यह धरना खत्म हो गया
कांग्रेस ने साधा निशाना
धरना के
दौरान कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कृषि बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधा. केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, पहले सरकार तब अध्यादेश लेकर आई जब सदन में उनके पास किसान विरोधी कानून को लागू करने के लिए सत्र नहीं था. अब सदन में वे बिना किसी मत विभाजन या चर्चा के इसे पारित कराया. यह लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है. सरकार हमारे किसानों को किसी भी कीमत पर क्रोनी-कैपिटलिस्टों की दया पर छोड़ने पर आमादा है. MSP और APMC का उन्मूलन लाखों लोगों की रोजी-रोटी को नुकसान पहुंचाएगा. हम अपने अन्नादतों के जीवन पर सरकार को इसे हावी नहीं होने देंगे. हम इन काले कानूनों का विरोध करने के लिए यहां बैठे हुए हैं. इतिहास उन्हें कभी नहीं भूलेगा जो किसानों को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं.
इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि विपक्षी दलों के सांसद सदन में धरने पर बैठे हैं. विपक्ष कृषि बिलों पर वोटिंग चाहता था. लेकिन सरकार ने विपक्ष के अधिकारों को नकारते हुए बिल को आगे बढ़ाया.
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