अभिनेता से नेता बने सनी देओल लोकसभा चुनाव जीत कर पहली बार संसद पहुंचे हैं, लेकिन वह संसद में हेमा मालिनी के साथ बैठे नजर नहीं आएंगे. हेमा मालिनी बीजेपी की टिकट पर दूसरी बार मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंची है. वहीं सनी देओल पहली बार बीजेपी के टिकट पर पंजाब के गुरदासपुर सीट से जीत कर आए हैं. दोनों ने भारी मतों से अपने प्रतिद्वंदियों को शिकस्त दी है.
बॉलीवुड एक्टर सनी देओल और एक्ट्रेस हेमा मालिनी दोनों ही लोकसभा चुनाव 2019 में विजयी हुए हैं. दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल पंजाब के गुरदासपुर से और हेमा मालिनी यूपी के मथुरा से चुनाव लड़ रही थीं. दोनों ही भारी मतों से विजयी हुए हैं. चुनाव जीतने के बाद दोनों ही सांसद लोकसभा में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे लेकिन दोनों एक साथ नहीं बैठेंगे. इसके पीछे की वजह हम आपको बता रहे हैं.
दोनों के संसद में एक साथ ना बैठने की वजह दोनों के आपसी रिश्तों में खटास नहीं बल्कि कुछ अलग वजह है. दरअसल, हेमा मालिनी
सीनियर सांसद हैं और दूसरी बार मथुरा लोकसभा सीट से चुनकर आई हैं. वहीं दूसरी ओर सनी देओल पहली बार संसद पहुंच रहे हैं. इसलिए हेमा संसद में आगे की तरफ मौजूद सीटों में से किसी एक पर बैठेंगी, जबकि नवनिर्वाचित सासंद सनी देओल को पीछे की सीटों में से जगह दी जाएगी.
अभिनेता धर्मेंद्र के बड़े बेटे सनी देओल लोकसभा चुनाव के दौरान ही बीजेपी में शामिल हुए थे. उसके बाद बीजेपी ने उनपर भरोसा जताते हुए उन्हें पंजाब के गुरदासपुर सीट से चुनावी मैदान में उतारा, ये सीट पहले दिवंगत अभितेता विनोद खन्ना की हुआ करती थी और वह यहां से जीत हासिल कर संसद पहुंचे थे. सनी देओल ने पहली ही बार में गुरदासपुर सीट से जीत हासिल कर ली.
चुनाव के दौरान सनी देओल ने खूब मेहनत की और अपने संसदीय क्षेत्र में जमकर दौरा किया. इस दौरान उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनी और उन्हें दूर करने का भी भरोसा जताया. उनकी इस मेहनता का नतीजा ये निकला कि लोगों ने सनी देओल को पहली बार में ही जिताकर संसद भेज दिया.
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