23 साल की आरक्षक को देशसेवा के जज्बे ने ऐसा प्रेरित किया कि वह 650 किमी का सफर स्कूटी से तय कर अपने पिता के साथ ड्यूटी करने मुरैना से महू थाने आ गई। सफर के दूसरे ही दिन महिला ने ड्यूटी शुरू कर दी।
महू के काेतवाली थाने में पदस्थ आरक्षक सुधा ताेमर मुरैना जिले के अंबाह की रहने वाली हैं। ताेमर लाॅकडाउन के पहले पांच दिन के लिए छुट्टी लेकर घर गई थीं। लाॅकडाउन लगने से वहीं फंस गई। इसी दाैरान विभाग से आदेश आया कि जाे पुलिसकर्मी जहां है, वह वहां संबंधित थाने में आमद देकर ड्यूटी ज्वाइन करें। इसके चलते ताेमर ने करीब डेढ़ माह अंबाह थाने में ड्यूटी की। इसके बाद आवाजाही की छूट मिली और वहीं एक आदेश आया कि अब संबंधित पुलिसकर्मी
अपने थाने पर आमद दें। ताेमर को महू आने के लिए काेई व्यवस्थित साधन नहीं मिला, ताे पिता व बेटी दाेनाें अंबाह से स्कूटी से निकले और करीब 16 घंटे का सतत सफर कर महू आए।
सुधा ताेमर ने बताया कि सुबह 4 बजे मैं और पिताजी अंबाह से निकले थे। इस दाैरान थाेड़ा खाना व पानी साथ रखा था। पूरी गर्मी में सतत सफर के बाद रात आठ बजे करीब हम महू पहुंचे। इस सफर में हमारी आंखें पूरी तरह लाल हाे गई थीं, वहीं पैराें की हालत ऐसी हाे गई थी कि महू में घर पहुंचने के बाद ठीक से खड़े भी नहीं हाे पा रहे थे। हमने पहली बार दोपहिया वाहन से इतना लंबा सफर तय किया है।
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