महाराष्ट्र में सत्ता का संघर्ष अब राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ते दिखाई दे रहा है. किसी भी दल को बहुमत न मिलने के कारण 24 अक्टूबर के बाद से अब तक राज्य में सरकार गठन नहीं हो पाया है. बीजेपी और शिवसेना दोनों को राज्यपाल सरकार बनाने के लिए बुला चुके हैं। और अब उनके भी चांस खत्म हो गए हैं. आज एनसीपी की बारी है. कहा जा रहा है कि अगर एनसीपी भी फेल होती है तो राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर नया पेच फंसता नजर आ रहा है. कांग्रेस का मानना है कि देरी उनकी तरफ से नहीं, बल्कि एनसीपी चीफ शरद पवार
की ओर से हो रही है. इसके पीछे कांग्रेस की थ्योरी है कि शरद पवार चाहते हैं कि दोनों पार्टियों शिवसेना और एनसीपी को ढाई-ढाई साल सीएम पद मिले. यानी सीएम का पद रोटेशनल हो. वहीं, शिवसेना अभी भी आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। वही कांग्रेस की बैठक में सोनिया गांधी ने तीन नेताओं को मुंबई जाने का निर्देश दिया है. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सोनिया गांधी ने आज सुबह शरद पवार से बात की है और मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और मुझे मुंबई जाने के निर्देश दिए हैं. वेणुगोपाल ने बताया कि हम तीनों नेता मुंबई जाकर शरद पवार से मिलेंगे.
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