हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा के साथ ही बिहार में 5 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आ गए हैं. इन पांचों विधानसभा सीटों में से एक सीट पर एआईएमआईएम के प्रत्याशी, दो सीटों पर राजद और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए हैं. हालांकि इनमें से एक ऐसी भी विधानसभा सीट है जिसने पटना से लेकर दिल्ली तक के बीजेपी आलाकमान को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है.
इस सीट का नाम दरौंदा है. यह विधानसभा बिहार के चर्चित जिला सीवान संसदीय क्षेत्र में आता है. दरअसल, इस विधानसभा सीट पर एनडीए गठबंधन की ओर से जेडीयू के अजय सिंह मैदान में थे. वहीं राजद ने उमेश सिंह को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन इन दोनों को मात देते हुए निर्दलीय प्रत्याशी करणजीत उर्फ व्यास सिंह ने
बाजी मार ली. निर्दलीय चुनाव जीतने वाले व्यास सिंह बीजेपी के बागी नेता हैं.
अहम बात यह है कि व्यास सिंह को बीजेपी के पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव का भी समर्थन था. उन्होंने खुलकर निर्दलीय व्यास सिंह के लिए प्रचार किया और जेडीयू के अजय सिंह को हराने की अपील की. यहां बता दें कि ओमप्रकाश यादव अभी सीवान में बीजेपी के सबसे बड़े नेता हैं.
दरौंदा में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी और जेडीयू की फूट सामने आ गई थी. पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव समेत अन्य कई बीजेपी नेता जेडीयू के उम्मीदवार अजय सिंह का खुलकर विरोध कर रहे थे. बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच जमकर बहस भी हुई. बीजेपी के स्थानीय नेताओं का कहना था कि अजय सिंह अपराधी छवि के हैं और जेडीयू एनडीए गठबंधन का धर्म नहीं निभा रही है.
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