भारत ने SCO सम्मेलन में चीन को दिए 4 सुझाव, साझा बयान से इनकार

सितंबर में ब्रिटेन की राजकीय यात्रा पर जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप, ऐसा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने आगरा डबल मर्डर: रंजिश नहीं, फिर कौन बना हैवान? दो दोस्तों की बेरहमी से हत्या, नहर किनारे मिले शव, गांव में मातम कांग्रेस की रणनीतिक बैठक आज: मानसून सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी, सोनिया गांधी करेंगी नेतृत्व कांग्रेस की रणनीतिक बैठक आज: मानसून सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी, सोनिया गांधी करेंगी नेतृत्व “दौड़ फिर से शुरु: ‘भाग मिल्खा भाग’ 18 जुलाई को लौटेगी थिएटर्स में” “शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक वापसी मिशन पूरा — Axiom 4 कैप्सूल 'Grace' का शांतिपूर्ण स्प्लैशडाउन” बालासोर छात्रा ने आत्मदाह किया, AIIMS में इलाज के तीन दिनों बाद अस्‍पताल में हुई मौत दुनियाभर में ठप हुआ एलन मस्क का X प्लेटफॉर्म, भारत में भी यूजर्स परेशान 'पीएम मोदी की रिटायरमेंट के बाद गडकरी बनें देश के प्रधानमंत्री', कांग्रेस के इस नेता ने कर दी बड़ी मांग लोकसभा में गैरहाजिरी पर कांग्रेस का सवाल: पीएम और मंत्रियों को क्यों मिल रही है छूट? 'कम बोलो, ज्यादा काम करो...', अपने ही पार्टी नेताओं से क्यों नाराज हुए एकनाथ शिंदे? दुबई में मुख्यमंत्री मोहन यादव की बड़ी पहल: TEXMAS के साथ बैठक, मध्यप्रदेश को बनाया जा रहा वैश्विक टेक्सटाइल हब ग्रेटर नोएडा: कासना टावर में एसी के एग्जॉस्ट में लगी आग, कर्मचारियों में मची अफरा-तफरी, बड़ा हादसा टला मुख्यमंत्री योगी का बड़ा बयान: सरकारी स्कूलों का विलय छात्रों और शिक्षकों के हित में, शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार देवप्रयाग में नृसिंहगाचल पर्वत दरका: मकानों पर गिरे भारी बोल्डर, एक घायल, कई वाहन मलबे में दबे पंजाब में बेअदबी बिल को कैबिनेट की मंजूरी, विधानसभा के विशेष सत्र में आज होगा पेश ग्रेटर आगरा प्रोजेक्ट के लिए शुरू हुआ सर्वे, रहनकलां और रायपुर के किसानों को मिल रहा मुआवजा, आसमान छू सकते हैं जमीन के दाम भोजपुर में शराब माफियाओं के खिलाफ छापेमारी के दौरान पुलिस की गोली से ग्रामीण की मौत, गुस्साई भीड़ ने सैप जवान को पीटा, सड़क पर शव रखकर घंटों हंगामा Income Tax Raids: 80GGC के तहत फर्जी दावों पर आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई, देशभर में 200 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी जारी संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी के सामने पेश हुए रॉबर्ट वाड्रा, आरोपों को बताया राजनीति से प्रेरित

भारत ने SCO सम्मेलन में चीन को दिए 4 सुझाव, साझा बयान से इनकार

MUSKAN 27-06-2025 12:16:29

Kashish || @LocalNewsOfIndia 

चीन के बंदरगाह शहर किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून से एक अहम द्विपक्षीय मुलाकात की। इस मुलाकात को भारत-चीन संबंधों के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें राजनाथ सिंह ने चीन को सीमा विवाद और आपसी तनाव कम करने के लिए चार ठोस सुझाव दिए। साथ ही, उन्होंने छह साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू होने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। राजनाथ सिंह ने यह स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता बनाए रखना आवश्यक है, और इसके लिए परस्पर विश्वास और संवाद की प्रक्रिया को मजबूती देना जरूरी है।

भारत द्वारा चीन को दिए गए चार सुझावों में पहला सुझाव था कि चीन 2024 की विघटन योजना का पूरी तरह से पालन करे, जिससे सीमावर्ती इलाकों में सैनिकों की वापसी और सैन्य गतिविधियों में कमी सुनिश्चित की जा सके। दूसरा सुझाव था कि दोनों पक्षों को मिलकर सीमा पर तनाव कम करने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए। तीसरे सुझाव के रूप में भारत ने सीमाओं के परिसीमन और सीमांकन को लेकर ठोस पहल करने की आवश्यकता जताई, जिससे भविष्य में गलतफहमी और संघर्ष की स्थिति न पैदा हो। चौथे और अंतिम सुझाव में भारत ने यह मांग रखी कि सीमा विवाद जैसे जटिल मसलों को हल करने के लिए दोनों देशों के बीच जो विशेष प्रतिनिधि स्तर का तंत्र मौजूद है, उसका अधिकतम और प्रभावी उपयोग किया जाए ताकि रिश्तों में सुधार लाया जा सके।

इस मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सांस्कृतिक कूटनीति का परिचय देते हुए चीनी रक्षा मंत्री को भारत की पारंपरिक और प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग भेंट की। यह पेंटिंग बिहार के मिथिला क्षेत्र की पहचान मानी जाती है, जिसमें चमकीले रंगों, बारीक रेखा चित्रों और पारंपरिक जनजातीय आकृतियों का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। यह कदम दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को सांस्कृतिक धरातल पर मजबूत करने का प्रयास भी था, जो भारत की 'सॉफ्ट पावर' कूटनीति का एक अहम हिस्सा है।

राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि चीन के रक्षा मंत्री से बातचीत रचनात्मक और दूरदर्शी रही। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर खुलकर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। साथ ही छह वर्षों
के लंबे अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू किए जाने पर भी प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि दोनों पक्ष इस सकारात्मक गति को बनाए रखें और भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों में किसी प्रकार की नई जटिलताओं से बचें।

इस सम्मेलन के दौरान एक और बड़ा घटनाक्रम तब सामने आया जब भारत ने साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इसका कारण यह था कि प्रस्तावित संयुक्त बयान में हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कोई उल्लेख नहीं था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। भारत ने इसे गंभीर चूक मानते हुए साझा बयान से खुद को अलग कर लिया। यह निर्णय भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीतिको दर्शाता है और यह संदेश देता है कि वह आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह की चुप्पी या तटस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।

सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ देश अपनी रणनीतिक नीतियों के तहत सीमा पार आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसे दोहरे मापदंडों को खत्म करना न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए आवश्यक है, बल्कि एससीओ जैसे मंचों को इन तत्वों की खुलेआम आलोचना करनी चाहिए। उनका यह बयान भारत की उस दृढ़ नीति की पुष्टि करता है जिसमें वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग और कड़ी कार्रवाई की मांग करता रहा है।

चीन की ओर से भी इस मुलाकात के बाद बयान आया कि भारत और चीन के बीच टकराव की कोई इच्छा नहीं है, और दोनों देश संवाद और आपसी विश्वास को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस बयान को राजनाथ सिंह की रणनीतिक कूटनीति की सफलता माना जा सकता है, जिसमें उन्होंने कड़े रुख के साथ संतुलन बनाए रखा और संवाद को भी जारी रखा।

कुल मिलाकर, एससीओ सम्मेलन में भारत का प्रदर्शन न केवल सुरक्षा और कूटनीति के स्तर पर मजबूत रहा, बल्कि सांस्कृतिक सौहार्द और क्षेत्रीय शांति के लिए उसकी प्रतिबद्धता भी स्पष्ट रूप से सामने आई। चीन को दिए गए चार ठोस सुझाव, आतंकवाद के मुद्दे पर स्पष्ट और कठोर रुख, साझा बयान से इनकार और मधुबनी पेंटिंग के माध्यम से सांस्कृतिक जुड़ाव—ये सभी पहलू भारत की बहुआयामी विदेश नीति की गहराई को उजागर करते हैं।

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :