16 अरब पासवर्ड्स का लीक: अब तक का सबसे बड़ा डेटा ब्रीच, करोड़ों यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में | जानिए पूरी डिटेल्स और सुरक्षा के उपाय|

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16 अरब पासवर्ड्स का लीक: अब तक का सबसे बड़ा डेटा ब्रीच, करोड़ों यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में | जानिए पूरी डिटेल्स और सुरक्षा के उपाय|

MUSKAN 20-06-2025 13:19:06

Kashish

Local News Of India

इंटरनेट की दुनिया में अब तक की सबसे बड़ी डेटा सुरक्षा चूक सामने आई है। करीब 16 अरब से ज्यादा पासवर्ड्स और लॉगिन डिटेल्स ऑनलाइन लीक हो चुके हैं। CyberNews और Forbes जैसी प्रतिष्ठित एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, यह डेटा लीक किसी एक देश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ग्लोबल साइबर क्राइम ब्लूप्रिंट की तरह उभरकर सामने आया है, जिससे दुनियाभर के करोड़ों यूजर्स की गोपनीय जानकारी खतरे में पड़ चुकी है।

कहां से आया ये डेटा और क्यों है इतना खतरनाक?

विशेषज्ञों के मुताबिक, यह लीक हुआ डेटा इंटरनेट पर पहले से मौजूद कोई पुराना डेटा नहीं है, बल्कि ज्यादातर नया और ताज़ा डेटा है, जिसे खतरनाक Infostealer मैलवेयर के ज़रिए चुराया गया है। यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है, जो बिना यूज़र की जानकारी के उसके स्मार्टफोन, लैपटॉप या कंप्यूटर में घुसकर लॉगिन डिटेल्स को चुरा लेता है और उन्हें हैकर तक पहुंचा देता है।इस डेटा को अक्सर हैकर्स डार्क वेब फोरम्स पर बेचते हैं या खुद इसका इस्तेमाल करके लोगों के अकाउंट्स हैक करते हैं। इसमें सोशल मीडिया अकाउंट्स से लेकर डेवलपर्स के GitHub अकाउंट्स और यहां तक कि कुछ सरकारी पोर्टल्स की जानकारियां भी शामिल हैं।

लीक हुआ डेटा कितना बड़ा और गंभीर है?

इस लीक की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें 30 से अधिक बड़े डेटा सेट्स शामिल हैं। हर एक सेट में लाखों से लेकर अरबों तक की लॉगिन क्रेडेंशियल्स हैं। कुल मिलाकर, 16 अरब से अधिक यूज़रनेम और पासवर्ड्स अब इंटरनेट पर उपलब्ध हैं।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि डेटा को एक खास फॉर्मेट में ऑर्गनाइज़ किया गया है —

> वेबसाइट लिंक > यूज़रनेम > पासवर्ड —

इसका मतलब यह है कि कोई भी हैकर कुछ ही क्लिक में यूज़र का अकाउंट एक्सेस कर सकता है। यह एक मशीन-रीडेबल और एक्सप्लॉइटेबल फॉर्मेट में है, जिससे साइबर अपराध और आसान हो जाते हैं।

किन-किन प्लेटफॉर्म्स पर खतरा?

लीक हुई जानकारी में निम्नलिखित सर्विसेस के अकाउंट्स की जानकारी शामिल है:

  • ईमेल
    अकाउंट्स (जैसे Gmail, Outlook, Yahoo)
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (जैसे Facebook, Instagram, Telegram)
  • डेवलपर टूल्स (जैसे GitHub, Bitbucket)
  • सरकारी पोर्टल्स और सेवाएं
  • ऑनलाइन बैंकिंग व फाइनेंशियल सेवाएं

यह लीक न केवल व्यक्तिगत यूज़र्स के लिए खतरनाक है, बल्कि कॉर्पोरेट सेक्टर, डेवलपर्स और सरकारी एजेंसियों के लिए भी बड़ी साइबर सुरक्षा चुनौती बन चुका है।

क्या है संभावित खतरे?

इस लीक की वजह से लाखों यूजर्स को निम्नलिखित खतरों का सामना करना पड़ सकता है:

  • फिशिंग स्कैम्स: नकली ईमेल्स या वेबसाइट्स के ज़रिए धोखाधड़ी
  • डेटा चोरी: पर्सनल या प्रोफेशनल जानकारियों का अवैध इस्तेमाल
  • अकाउंट हैकिंग: सोशल मीडिया, बैंक, और ईमेल अकाउंट्स का एक्सेस
  • पहचान की चोरी (Identity Theft): किसी और की जानकारी से फर्जीवाड़ा

आप खुद को कैसे सुरक्षित रखें?

साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों ने यूज़र्स को फौरन सावधानी और सक्रियता बरतने की सलाह दी है। निम्नलिखित उपाय आपके डेटा को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं:

1. अपने सभी महत्वपूर्ण अकाउंट्स के पासवर्ड तुरंत बदलें।

2. हर अकाउंट पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को ऑन करें।

3. एक मजबूत और यूनिक पासवर्ड का इस्तेमाल करें। जैसे: “G@#87rT_92*”

4. पासवर्ड मैनेजर ऐप्स का उपयोग करें, जो आपके सभी पासवर्ड्स को सुरक्षित रखते हैं।

5. संदिग्ध ईमेल या वेबसाइट लिंक पर क्लिक न करें।

6. समय-समय पर HaveIBeenPwned.com जैसी वेबसाइट से चेक करें कि आपका डेटा लीक हुआ है या नहीं।

विशेषज्ञों की चेतावनी

साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने इस ब्रीच को इंटरनेट पर एक साइबर बम की तरह बताया है। उनका मानना है कि आने वाले समय में इस लीक के कारण साइबर अपराधों में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की डिजिटल पहचान, उनकी गोपनीयता और उनकी सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है।आज के डिजिटल युग में जब हमारी हर गतिविधि इंटरनेट पर दर्ज होती है, तब इस तरह का डेटा लीक न केवल तकनीकी चूक है, बल्कि यह मानवता के लिए एक बड़ा खतरा है। हमें न केवल जागरूक रहने की ज़रूरत है, बल्कि अपने डिजिटल जीवन को साइबर सुरक्षा के नए मानकों के साथ अपग्रेड करने की भी जरूरत है।

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