सरकार जल्द किसी भी कारोबार को शुरू करने के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्था को समाप्त कर सकती है। इसके लिए डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरने ट्रेड (जीपीआईआईटी) ने एक कैबिनेट नोट तैयार किया है। इस नोट को संबंधित मंत्रालयों के पास सुझाव के लिए भेजा गया है। लाइसेंस व्यवस्था को खत्म करके सरकार भारत को विश्व बैंक की इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस (कारोबार में आसानी) रैंकिंग में विश्व में टॉप 50 में ले जाना चाहती है। कैबिनेट नोट के अनुसार, मंत्रालय और विभाग यह बताएंगे कि कहां पर लाइसेंसिंग व्यवस्था को खत्म किया जा सकता है और इसके एक आसान प्रक्रिया में बदला जा सकता है।
नोट में सुझाव दिया गया है कि जहां पर लाइसेंसिंग व्यवस्था को समाप्त नहीं किया जा सकता है वहां पर रिन्युअल का प्रावधान किया जाए। साथ ही विभाग को नवीनीकरण की प्रक्रिया को सही कारणों के साथ आसान करने के लिए भी कहा जा सकता है।
तय समय में होगा कारोबारियों की समस्या का समाधा : कैबिनेट नोट में कारोबारियों की समस्याओं के
समाधान के लिए समय तय करने का सुझाव दिया गया है। नोट में कहा गया है कि स्टार्टअप के लिए महीने में एक बार आधा घंटे का समय समस्याओं के समाधान के लिए तय किया जा सकता है। इसी कारोबार के निरीक्षण की सीमा भी तय करने की बात कही गई है। साथ ही पहली बार कानून का उल्लंघन करने वालों को केवल सलाह जारी करने की सिफारिश की गई है।
इज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत अभी 77वें स्थान पर मौजूद : विश्व बैंक की ओर से हर साल वैश्विक स्तर पर इज ऑफ डूइंग बिजनेस पर एक रैंकिंग जारी की जाती है। पिछले पांच सालों से 190 देशों की रैंकिंग जारी की जा रही है। 2018 में भारत इसमें 77वीं रैंकिंग पर था। इससे पहले 2017 में भारत 100वें स्थान पर था। विश्व बैंक यह रैंकिंग कारोबार शुरू करने, निर्माण परमिट, बिजली की सुविधा प्राप्त करना, कर्ज प्राप्त करना, करों का भुगतान, सीमापार व्यापार, अनुबंधों को लागू करना और दिवाला प्रक्रिया निपटान आदि के आधार पर करता है।
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