17वीं लोकसभा के पहले सत्र की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया. इस संबोधन में राष्ट्रपति ने अगले पांच सालों के लिए मोदी सरकार का एजेंडा पेश किया, साथ ही उन योजनाओं का भी जिक्र किया जिनपर सरकार पिछले कार्यकाल से काम कर रही है. लेकिन राष्ट्रपति का यह भाषण कांग्रेस पार्टी को रास नहीं आया है. पार्टी ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण उत्साहजनक नहीं था और इस पर भरोसा करना मुश्किल है.
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाषण में सरकार की तरफ से जो भी आश्वासन दिये गये हैं, पिछले पांच सालों के अनुभव को देखते हुए देश उनसे आश्वस्त नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि अभिभाषण में प्रधानमंत्री के शब्द दोहराये जाते हैं. अभिभाषण में आश्वासन तो बहुत दिये गये हैं लेकिन पिछले पांच साल का अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है इसलिए नई सरकार के गठन के बाद संसद के पहले सत्र के आरंभ में दिए गए राष्ट्रपति के अभिभाषण से कोई आश्वस्त नहीं हो सकता है.
शर्मा ने कहा कि भाषण में बेरोजगारी की समस्या पर एक शब्द तक नहीं कहा गया, देश में बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है लेकिन इससे निपटने का कोई रोड मैप या रोजगार के नए अवसर पैदा करने के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई. साथ ही उन्होंने कहा की जीडीपी फेल हो चुकी है और अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है. कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रपति
के अभिभाषण में फिजूल में ही एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे को लाया गया जबकि इस प्रस्ताव को बीते दिन ही कई दलों ने बैठक में शामिल होकर खारिज कर दिया है.
भाषण में UPA पर निशाना
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों के संबोधन के बाद कहा कि सरकार ने जो वादे किए थे उनपर अब तक खरी नहीं उतर पाई है, ऐसे में अभिभाषण में कही गई बातें पूरी होंगे इसका भरोसा करना मुश्किल है. राष्ट्रपति की अभिभाषण में 2014 से पहले की यूपीए सरकार पर भी निशाना साधा गया था और उस कार्यकाल को निराशा का माहौल बताया गया था.
राष्ट्रपति कोविंद ने अपने भाषण में सरकार की ओर से लागू जन कल्याणकारी योजनाओं से लेकर देश की सुरक्षा और कूटनीतिक सफलताओं का जिक्र किया. साथ ही उन्होंने दूसरी बार सरकार को बड़ा जनादेश हासिल होने पर बड़ी जिम्मेदारी का अहसास भी कराया. राष्ट्रपति ने तमाम दलों के सांसदों से एक राष्ट्र एक चुनाव के प्रस्ताव को राष्ट्रहित में बताया और तेजी से देश के विकास के लिए जरूरी बताते हुए इस प्रस्ताव पर विचार करने की अपील की.
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद के दोनों सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है और अब शुक्रवार को अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी. इस चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सरकार के दिग्गज नेता और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी हिस्सा ले सकते हैं.
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