सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम समुदाय में होने वाले निकाह हलाला के मुद्दे पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. अदालत में निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथा के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में मांग की गई थी कि अदालत इस मसले को जल्द से जल्द सुने लेकिन ऐसा नहीं हो सका. ये याचिका बीजेपी के नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी.अदालत की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि फिलहाल इस मामले की सुनवाई जल्द नहीं की जा सकती है. ना ही अभी संविधान पीठ के गठन की गुंजाइश है. गौरतलब है कि इस मामले को लेकर पहले भी याचिकाएं दायर की गई थीं जिसके बाद तीन जजों की बेंच ने इसे संविधान पीठ को भेजने की सिफारिश की गई थी.
यही कारण है कि इस मामले में अभी पीठ का गठन होना बाकी है. आपको बता दें कि पिछले कई
समय से भारतीय जनता पार्टी और अन्य हिंदू संगठन इस प्रथा को बैन करने की मांग कर चुके हैं. निकाह हलाला से पहले तीन तलाक के मुद्दे पर भी काफी राजनीति हो चुकी है.
तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गैर कानूनी करार दिया जा चुका है. हालांकि, अभी तक तीन तलाक बिल को संसद से मंजूरी नहीं मिल पाई है. ये बिल लोकसभा से पास हो चुका है लेकिन राज्यसभा में बार-बार अटक जाता है. मोदी कैबिनेट इस मुद्दे पर कई बार अध्यादेश ला चुकी है.
गौरतलब है कि निकाल हलाला के मुद्दे पर कई बार ठोस बहस हो चुकी है. अगर मौजूदा मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रावधानों को देखें तो इनके मुताबिक अगर किसी मुस्लिम महिला का तलाक हो चुका है और वह उसी पति से दोबारा निकाह करना चाहती है, तो उसे पहले किसी और शख्स से शादी कर एक रात गुजारनी होती है. इसे निकाह हलाला कहते हैं.
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