क्या देश के हिंदी भाषी शहर है सबसे ज्यादा बलात्करिओं के अड्डे

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क्या देश के हिंदी भाषी शहर है सबसे ज्यादा बलात्करिओं के अड्डे

Deepak Chauhan 14-05-2019 18:33:10

देश में बलात्कार दिन पर दिन बढ़ते जा रहे है इस मुद्दे पर हर किसी व्यक्ति का अलग अलग ही कहना होता है। कई लोग बढ़ते रेप केस में शिक्षा की कमी को मानते है, तो कई लोग इसमें लो का दिमागी पागलपन। लेकिन क्या इसी एक दूसरी यानी भाषायी दृष्टि कोण से देखा जा सकता हैं? क्युकी कुछ सालो में आये आकंड़ों के मुताबिक तो इस मुद्दे को ऐसे भी देखा और समझा जा सकता है। भारत के पांच बड़े हिंदीभाषी राज्यों- यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से दो तरह की खबरें लगातार आती रहती हैं. गैंगरेप और इनके वायरल वीडियो. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो 2016 के डेटा के मुताबिक गैंगरेप के मामले में ये राज्य देश में सबसे ऊपर आते हैं. गैंगरेप का वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने और उसे वायरल करने में जो एकबार भी नहीं सोच रहा है उन अपराधियों को कानून का डर है न समाज का. आखिर क्या है पैटर्न इन अपराधों का? नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के ही मुताबिक हरियाणा में हर तीसरे दिन एक गैंगरेप होता है. बड़ा सवाल ये है कि हर तीसरे दिन ये गैंग बनते कैसे हैं और कैसे अंजाम देते हैं इन वारदातों को?


इन राज्यों में हुए अपराध 

राजस्थान के अलवर गैंगरेप को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपी के गाज़ीपुर रैली में विपक्ष पर निशाना साधा है. विगत 26 अप्रैल को अलवर के थानागाज़ी इलाके में एक पति-पत्नी बाइक से जा रहे थे. दो बाइक वालों ने पीछा किया. लड़की का पांच युवको ने बलात्कार किया. ये बर्बरता करीब तीन घंटे तक चली. लड़की के सामूहिक बलात्कार के 10-11 वीडियो बनाए गए. अश्लील तस्वीरें खींची गई. बाद में सोशल मीडिया पर वायरल की गई. इस गैंग के मुख्य सरगना पर छेड़छाड़ के आरोप पहले से है। 

इसके अलावा अलवर में ही एक नाबालिग चौदह वर्षीय लड़की का भी गैंगरेप हुआ है फरवरी 2019 में. वो लड़की पेशाब करने के लिए घर से बाहर निकली थी. फिर इसी महीने अलवर में ही डॉक्टर के यहां जाते वक्त एक औरत का गैंगरेप हुआ है। 30 अप्रैल, 2019 को बिहार में सिवान के दारौंदा थाना क्षेत्र को एक नाबालिग लड़की शौच के लिए खेतों में गई. वहां झुंड बनाकर छह लोगों ने उसके साथ गैंग रेप किया. इस घटना का वीडियो भी बनाया. ये झुंड यहीं तक नहीं रुका. ये वीडियो वायरल भी किया। फरवरी 2019 में जहानाबाद में वाणावर की पहाड़ियों के आस-पास लड़कों के एक गैंग ने एक नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ की गई. लड़की के कपड़े भी फाड़ दिए गए. घटना के वीडियो बनाए और सोशल मीडिया पर वायरल किए गए। सितंबर 2018 में हरियाणा के रेवाड़ी के नयागांव में गांव के कुछ युवकों ने अपने ही गांव की एक लड़की को बस स्टैंड से अगवाकर गैंगरेप किया. इस घटनाक्रम में कम से कम 15-20 लड़कों के शामिल होने की खबरें थी. बलात्कार गांव से बाहर बनी एक कोठरी में किया गया. गिरफ्तारी के बाद इन युवकों ने स्वीकारा की इससे पहले भी वो इस तरह की पांच घटनाओं का अंजाम दे चुके हैं. इस गैंग के मुख्य विलेन पर कई तरह के केस पहले से थे। 2016-17 में यूपी के रामपुर से एक वीडियो आया था जिसमें ढेर सारे लड़के एक लड़की को रास्ते में नोंच रहे थे.


2007 से 2016 तक महिलाओं के खिलाफ होने वाले क्राइम 83% बढ़े हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार गैंगरेप के सबसे ज्यादा मामले यूपी, हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश में हुए.


क्या होता है इन बलात्कारिओं का प्लान?

दिप्रिंट ने इन राज्यों के कई लोगों से बात की. बात करने से इन सामूहिक बलात्कार का एक पैटर्न निकलकर सामने आया. गांवों में ये अपराध ज़्यादा हो रहे हैं. ये मामले पूरी तरह रिपोर्ट भी नहीं किये जाते. क्योंकि वीडियो वायरल होने से परिवार को अपने समाज में बेइज़्ज़ती का सामना करना पड़ता
है. लड़की की शादी-पढ़ाई में दिक्कत आती है। गांव के किसी खेत, कच्ची सड़क, बेकार पड़े सरकारी स्कूल, पंचायत घर या गांव का ऐसा कोई ठिकाना बनाया जाता है जहां गांव के लड़कों का एक समूह इकट्ठा होता है. रेप करने का समय लड़की के स्कूल, ट्यूशन या पेशाब और शौच जाते वक्त का होता है. कुछ ऐसे भी मामले आए हैं जिसमें लड़की को किसी लड़के से बातचीत करते हुए देख लिया गया है या वो रास्ते में साथ चलते हुए आ रहे हैं. इस चीज़ को मुद्दा बनाकर लड़के उन्हें घेर लेते हैं। बलात्कार करने वाले गैंग का लीडर आपराधिक बैंकग्राउंड वाला होता है. इस गैंग मे 4-5 या कई बार इससे भी ज़्यादा लड़के शामिल होते हैं. इस लीडर के बारे में आस-पास के लोगों का कहना है कि ये तो इस तरह की घटनाएं कर चुका है. ग्रुप के दो युवक थोड़े दब्बू किस्म के होते हैं. जो पुलिस के दिए बयानों में कहते हुए नजर आते हैं कि फलाने के कहने से ऐसा कर दिया. बाकी दो बचे युवक थोड़े सामाजिक और थोड़े आपाराधिक प्रवृति के होते हैं. अक्सर परिवार अपने बड़े होते लड़कों को इस गैंग का हिस्सा बनने से रोकने की कोशिश करते हैं। गैंग रेप जैसे जघन्य अपराध में शामिल होने के बाद इनके परिवार वाले कहते भी पाए जाते हैं कि हमने पहले भी इसे रोकने की कोशिश की थी कि उस गैंग के साथ उठे-बैठे ना। रेवाड़ी गैंगरेप में शामिल 18 साल के युवक के परिजनों का भी यही कहना था कि हमने उसे उस ग्रुप से दूर रखने की पूरी कोशिश की थी. इस तरह के युवक खास तौर पर ऐसे ग्रुप्स से प्रभावित हो जाते हैं। यह ग्रुप इस तरह की घटना को पहली बार में ही अंजाम नहीं देता है. इसकी शुरुआत गैंग बनाकर छेड़खानियों से शुरू होती है. इन छेड़खानियों के चलते देश के बहुत से गांवों में लड़कियों की पढ़ाई छुड़वाकर जल्दी शादियां करवा जाती हैं. जैसे अलवर. यहां स्कूल जाने वाली लड़कियों ने बताया कि चार-पांच लड़कों के गैंग का खौफ इस कदर फैला होता है कि हम खुद ही तंग आकर स्कूल या कॉलेज छोड़ने की बातें सोच लेती हैं. यही चीज़ इस ग्रुप की हिम्मत बढ़ाती है। क्रिमिनल साइकोलॉजिस्ट अनुजा कपूर बताती हैं, ‘इनमें से केस हैं जो परिस्थिति के हिसाब से घटित होते हैं. कुछ पूरी प्लानिंग से किए जाते हैं. फिलहाल जो ट्रेंड बना है वो पूरी प्लानिंग वाला है. इस ग्रुप का लीडर बाघ की तरह होता है. ये ही पूरे ग्रुप को हिम्मत देता है. शिकार भी खोजता है. इससे जुड़कर बाकी लड़के भी शक्तिशाली महसूस करते हैं. इन लोगों की शिकारी प्रवृति के होते हैं. इस ग्रुप में जबरदस्त ब्रदरहुड की भावना होती है.’अनुजा एक एक्टिविस्ट होने के साथ-साथ एक वकील भी हैं, ‘उनका कहना है, पोर्न बढ़ने से इस तरह के क्राइम बढ़े हैं. इंटरनेट की आसान उपल्बधता इन ग्रुप्स की कल्पना को बढ़ावा दे रही है. गैंगरेप के पीछे बेरोजगारी, गरीबी और राजनीतिक कारण भी होते हैं.’


चींख-चींख के कहते ये आँकड़े?

2016 के बाद से सरकारी आंकडे़ं जारी नहीं किए गए हैं. लेकिन 2016 के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के मुताबिक 2007 से 2016 तक महिलाओं के खिलाफ होने वाले क्राइम 83% बढ़े हैं. 2016 को सरकारी आंकड़ों के अनुसार गैंगरेप के सबसे ज्यादा मामले उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश में हुए। साल 2012 में हुआ निर्भया गैंग रेप केस के बाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का दबाव बना. फलस्वरूप जस्टिस वर्मा कमेटी बनाई गई. इस कमेटी के सुझावों को लागू किया गया. इसके बाद गैंगरेप के लिए आईपीसी में धारा 376 D 2013-14 में शामिल किया गया. गैंगरेप को एक विभत्स अपराध के तौर पर स्वीकार किया गया. लेकिन निर्भयागैंग रेप केस के बाद इस तरह के रेप लगातार बढ़े हैं. बढ़ते गैंगरेप के साथ बर्बरता भी बढ़ी है .

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