लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया
दिल्ली। आई आई एम् काशीपुर सपनो की दुनिया का एक ऐसा संस्थान जो प्रबंधन के धुरंधरों को पैदा करने के लिए भारत सरकार के द्वारा जनता के टैक्स के पैसो से बनाया जाता है और इस संस्थान पर बनते ही ऐसे लोगो का कब्जा हो जाता है जो पहले से ही दो गुना दो को पांच करना जानते है जिनके हाथो में किसी भी शिकायतकर्ता को निपटाने , बहलाने या किनारे लगाने की चाभी मौजूद होती है हालांकि हाल में ही न्यायालय में एक केस में तो पटखनी खा भी चुके है और आगे भी खायेगे। पर आज इन सबसे ज्यादा जरूरी है कि ऐसी क्या मजबूरिया है जो आई आई एम् के नियमावली को धता बताते हुए यह महाशय चेयरमैन के पद पर आज भी काबिज है जिसकी मियाद इनके संस्थान के ज्वाइन करने के बाद चार साल बाद स्वतः समाप्त हो जाती है और या इनकी उम्र चौहत्तर साल पार करते ही पर दोनों को धता बताते हुए यह आज भी काबिज है और इसके पीछे शंका सिर्फ एक ही बात की है कि इनकी तिकड़ी की टीम का एक चेहरा यानी की डायरेक्टर भी इनका ही होना चाहिए भीतरखाने से खबर आ रही है की इन्होने
उसके लिए अपने खासमखास बेहरुल इस्लाम को जो जुगाड़ करके सात साल का अनुभव वाली योग्यता बना बैठे है को अपना वारिस सिर्फ डायरेक्टर पद का घोषित करेंगे। अगर सरकारी एजेंसिया बिना किसी दबाव के जांच पड़ताल करती है तो आई आई एम् में कम से कम २०० या ३०० करोड़ का घपला तो मिल ही जाएगा पर पता नहीं मोदी जी के ईमानदार तिलिस्म को यह कैसे धता बता रहे है इस बात की जानकारी मिलने पर आपसे जरूर साझा करेंगे। लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया की टीम ने बाकायदा इनके पर्सनल सेक्रटरी को फ़ोन करके इनसे बात करने की कोशिश की पर वो इनसे हमारा कनेक्शन अभी तक नहीं लगा पायी है शायद पीके मूवी का रॉंग कनेक्शन न लगा रही हो. अब मजेदार बात यह होगी कि क्या मीडिया , अदालत और लोग सरकार को इस धांधली के खिलाफ जागृत कर सकने में कामयाब होंगे या नहीं क्योकि करोडो में बनाये गए लाखो वाले फ्लैट अगर काइयो और फंगस के साथ ही बनाये गए है और आने वाली बारिश में छतो को टपकना ही है और घर में बच्चो की नाव वाली नदी इस बार मिलनी है तो ऐसे आई आई एम् को और इस चेयरमैन को तहे दिल से शुक्रिया।
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