केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट से कहा हमारा पक्ष सुने बिना न सुनाएं फैसला
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Wakf Amendment: संसद को दोनों सदनों से पारित होने के बाद और राष्ट्रपती मंजूरी मिलने के बाद वक्फ संशोधन कानून बन गया है। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की जा चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार अबतक सुप्रीम कोर्ट में 15 याचिकाएं दायर की जा चुकी है। जिनपर 15 अप्रैल तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन बिल पेश किया था। जिसे दोनों सदनों से पारित कर दिया गया। 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद यह
कानून बन गया। लेकिन इसके विरोध में देश के कई हिस्सों में कई संगठनों के द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है।
याचिकाकर्ताओं इन अधिकारों के खिलाउ बताया
याचिकाकर्ताओं ने वक्फ कानून को संविधान के अनुच्छेद 14,15 समानता का अधिकार अनुच्छेद 25 धार्मिक धार्मिक स्वतंत्रता 26 धार्मिक मामलों की व्यवस्था और अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के अधिकार जैसे मौलिक अधिकारों के विरुद्ध करार दिया हैं। 7 अप्रैल को याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंधवी और निजाम पाशा ने सुप्रीम कोर्ट से जल्दी सुनवाई की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई का आश्वासन दिया था। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने एडवोकेट कपिल सिब्बल से कहा था कि उन्हें अर्जेंट हियरिंग के लिए कोर्ट आने की जरूरत नहीं थी, उसके लिए अलग प्रक्रिया की व्यवस्था बनी हुई है।
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