60 वर्षों से यदुवंशियों का मजबूत किला बना है बिहार का राघोपुर विधानसभा सीट
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Bihar's Raghopur assembly: राघोपुर विधानसभा क्षेत्र बिहार की राजनीतिक में काफी अहम है। यहां से लालू परिवार का दबदबा हमेशा से रहा है। 1995 के विधानसभा चुनाव में यह सीट तब चर्चा में आई जब तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर लालू प्रसाद ने यहां से चुनाव लड़ा। साल 2000 तक यहां से विधायक रहे, इसके बाद अक्टूबर 2005 के चुनाव में राबड़ी देवी यहां से विधायक चुनीं गई। 2010 तक राबड़ी ने इस इलाके का प्रतिनिधित्व किया। 2010 के चुनाव में सतीश कुमार राय ने राबड़ी देवी को पराजित कर दिया था। फिर 2015 के चुनाव में लालू-राबड़ी के छोटे बेटे तेजस्वी ने सतीश को पराजित कर अपनी पुश्तैनी सीट वापस ले ली। लहर कांग्रेस की रही हो या जयप्रकाश नारायाण की, यदुवंशियों पर ही वोटरों ने भरोसा जताया। दल
भले ही बदले मगर उनकी जाति नहीं बदली।खास बात यह कि यहां अधिकतर चुनावों में मुख्य मुकाबला भी यदुवंशियों के बीच ही हुआ है। अगर कभी किसी प्रमुख दल ने दूसरे को उम्मीदवार बनाया तो इलाके ने उसे नकार दिया है वर्तमान में लालू प्रसाद यादव के बेटे पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव यहां से विधायक है।
2015 में राघोपुर से विधायक बने तेजस्वी यादव
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में तेजस्वी प्रसाद यादव यहां से विधायक बने उन्होंने जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार सतीश कुमार राय को हराया था। बता दें कि राघवपुर विधानसभा क्षेत्र से हमेशा से यादव समाज के लोगों का मुकाबला रहा है। 2020 विधानसभा चुनाव में भी तेजस्वी यादव ने यहां से जीत दर्ज किया था। राघोपुर विधानसभा वैशाली जिले के अंतर्गत आता है। 2025 के विधानसभा चुनाव में यहां से तेजस्वी यादव फिर एकबार चुनावी मैदान में होंगे
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