Kashish || @LocalNewsOfIndia
भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक देशों के समूह क्वाड ने 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या कर दी गई थी। बुधवार को जारी किए गए एक संयुक्त बयान में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने इसे मानवता के खिलाफ एक क्रूर और बर्बर कृत्य करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया है कि वे इस आतंकवादी हमले में शामिल अपराधियों, साजिशकर्ताओं और आर्थिक मदद देने वालों को न्याय के कटघरे में लाने में सक्रिय सहयोग करें। बयान में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आग्रह किया गया है कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों का पालन करते हुए इस मामले में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग करें ताकि आतंकवादियों को सजा मिल सके और दोबारा ऐसा अपराध करने का साहस कोई न कर सके।
क्वाड देशों ने अपने संयुक्त बयान में यह भी स्पष्ट किया कि वे सीमा पार आतंकवाद समेत हर प्रकार के उग्रवादी और आक्रामक रवैये की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल किसी एक देश की चुनौती नहीं, बल्कि समूची मानवता के लिए खतरा है और इसके खिलाफ वैश्विक एकजुटता अनिवार्य है। क्वाड ने आतंकवाद के खिलाफ
सहयोग और समन्वय को और मजबूत करने के अपने संकल्प को दोहराया। साथ ही पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड नहीं अपनाए जाने चाहिए और इस घृणित कृत्य को अंजाम देने वाले किसी भी तरह से बचने न पाएं।
इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वॉशिंगटन में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से पूर्व आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि विश्व को अब आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आतंक के पीड़ितों की तुलना आतंक फैलाने वालों से कभी नहीं की जा सकती। भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा का पूरा अधिकार है और वह इस अधिकार का प्रयोग करने में कोई संकोच नहीं करेगा। जयशंकर ने यह भी कहा कि यह सोच अब बदलनी चाहिए कि आतंकवादी यदि सीमा के पार हैं तो उन्हें जवाब नहीं दिया जा सकता। उन्होंने साफ किया कि भारत अब ऐसी मानसिकता को चुनौती देता है और यही बात 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से देश ने सिद्ध की है। भारत यह मानता है कि आतंकवादियों को बिना सजा के काम करने की छूट नहीं दी जा सकती और इस खतरे से निपटने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा।
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