अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ
इंडिया,
नर्ई दिल्ली: जब भी हम आजादी
से पीछे के भारत के इतिहास को देखते हैं, तो अंग्रेजों के द्वारा हुए जुल्म को सुन हमारी रूह कांप
जाती है. इस देश को आजाद कराने में कई भारतीय कैद हुए
तो कई लोग हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर लटक गए. हमारे इतिहास में कई गिरफ्तारियों का जिक्र मिलता है. लेकिन क्या आपने कभी पेड़ की गिरफ्तारी का
मामला सुना है. तो आज हम आपके लिए एक ऐसी खबर लेकर आए जिसे सुनकर आपक हंसते-हंसते हो जाएंगे लोट-पोट---
अब आपके मन में सवाल तो जरूर उठ रहा होगा कि भला पेड़ को कोई गिरफ्तार क्यों करेगा, ज्यादा दिक्कत होगी तो पेड़ काट देंगे. लेकिन एक अंग्रेज जेलर ने नशे की हालत में पेड़ को गिरफ्तार किया और वो पेड़ आज तक बड़ी-बड़ी जंजीरों में जकड़ा हुआ है.
मामला साल 1898 का है, जब पाकिस्तान भी अपना हुआ करता था और सोने की
चिड़िया अंग्रेजो के पिंजरे में कैद थी. पाकिस्तान
के खैबर पख्तूनख्वाह स्थित लंडी कोटल आर्मी कैंटोनमेंट में तैनात
एक ब्रिटिश अफसर जेम्स स्क्विड ने एक दिन जमकर शराब पी रखी थी. नशे में धुत होकर वह पार्क में घूम रहा था. अचानक अधिकारी को लगा कि पेड़ उनकी तरफ आ रहा
है और वह हमला कर उनकी जान ले लेगा.
उन्होंने तुरंत मैस के सार्जेंट को ऑर्डर दिए कि पेड़ को तुरंत अरेस्ट कर लिया जाए. इसके बाद वहां तैनात सिपाहियों ने पेड़ को जंजीरों में जकड़ दिया. पाकिस्तान आजाद तो हो गया लेकिन वहां के लोगों ने इन जंजीरों को पेड़ से नहीं निकाला. वहां के लोगों का यह मानना है कि यह पेड़ अंग्रेजों के जुल्म का एक नमूना है. इसे देखकर लोगों को इस बात का अंदाजा होगा कि आखिर किस तरह अंग्रेज हम लोगों पर जुल्म किया करते थे.
इसके साथ ही उन्होंने पेड़ पर एक तख्ती भी लटका दी और तख्ती पर लिखा है 'I am Under arrest' इसके साथ ही पूरा किस्सा भी लिखा हुआ है. बहरहाल अंग्रेज चले गए और भारत-पाकिस्तान अलग हो गए, लेकिन ये पेड़ आज भी अंग्रेजी हुकूमत के काले कानून की याद दिलाता है.
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