अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनकी सरकार इस समय पूरी तरह से चीन की गोद में बैठी हुई है. चीन लगातार नेपाल की जमीन पर कब्जा कर रहा है और वहां की सरकार ने चुप्पी साधी हुई है. ऐसे में नेपाली जनता सड़क पर उतर आई है और यहां पर चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. हालांकि नेपाली सरकार अपने ही लोगों की आवाज को दबाने में लगी हुई है.
चीनी दूतावास के सामने प्रदर्शन करने के आरोप में पुलिस ने नेपाल छात्र संघ (NSU) के नेता नवाज त्रिपाठी सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है. एनएसयू नेताओं ने सोमवार सुबह चीनी दूतावास के सामने "चीनी हस्तक्षेप बंद करो," सीमा पर अतिक्रमण बंद करो" की नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.
चीन के खिलाफ बोलने वाले हुए गिरफ्तार
आइडेंटिफाई बॉर्डर, सेव सॉइल कहते हुए चीन के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे. नेपाल छात्र संघ के गिरफ्तार
किए गए लोगों में प्रणिल तमांग, सुबोध ओली, अरबत खड़का, बिंदा बोगटी, दीपेंद्र खड़का शामिल हैं.
इन लोगों ने कहा है कि कालापानी, सुस्ताल और अन्य क्षेत्रों में नेपाली भूमि के निरंतर अतिक्रमण और समस्या को हल करने में राज्य की उदासीनता के संदर्भ में नेपाली भूमि और सीमाओं के बारे में स्कूल परिसर में पढ़ने वाले छात्रों को सूचित करना नेपाली छात्र आंदोलन की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है.
देश भर के स्कूलों में चलाया गया अभियान
इससे पहले अभियान के तहत, लोगों को नेपाल के नक्शे बनाने के लिए लिपुलेक, लिम्पीयाधुरा और अन्य वेटलैंड्स बनाने और उन्हें इससे संबंधित ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में बताने के लिए देश भर के स्कूलों में एक महीने तक अभियान चलाया गया.
इस बीच इन लोगों ने सरकार पर सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर पहल नहीं करने का आरोप लगाया है, भले ही उसने संसद के माध्यम से नेपाल के संशोधित नक्शे का समर्थन किया हो.
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