यस बैंक में जारी संकट पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ग्राहकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने इस मामले में आरबीआई से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही उन्होंने कहा कि आरबीआई से रिस्ट्रक्टर स्कीम के तहत नया बोर्ड बनाने के लिए कहा गया है।
वित्त मंत्री ने यस बैंक के ग्राहकों को भरोसा दिलाया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यस बैंक के किसी भी कर्मचारी की एक साल तक नौकरी नहीं जाएगी।
उन्होंने कहा कि 2017 से ही आरबीआई को यह बैंक की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए सरकार ने कहा था। यह पता चला है
कि बैंक की कार्यप्रणाली और नियमों को नजरअंदाज किया गया।
वित्त मंत्री ने कहा, कर्ज के जोखिम भरे फैसलों का पता चलने के बाद रिजर्व बैंक ने यस बैंक प्रबंधन में बदलाव पर जोर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'आरबीआई 2017 से ही यस बैंक की निगरानी कर रहा है। इस दौरान प्रशासन संबंधी मसले, कमजोर अनुपालन, गलत परिसंपत्ति वर्गीकरण की बात सामने आई।'
वित्त मंत्री ने कहा यस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी, वेतन एक साल तक सुरक्षित हैं। जमा और देनदारियां अप्रभावित रहेंगी। आरबीआई पता लगाएगा कि यस बैंक में क्या गलत हुआ। इसमें व्यक्तिगत भूमिका का पता लगाना होगा।
उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएलएफएस, वोडाफोन उन संकटग्रस्त कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें यस बैंक ने कर्ज दिया था।
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