कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन करने पर कहा है कि मैं सिंधिया को कॉलेज के दिनों से जानता हूं। वह अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हो गए और विचारधारा से समझौता कर आरएसएस के साथ चले गए।
राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई यह है कि उन्होंने बीजेपी में न तो सम्मान मिलेगा और न ही संतुष्टि। मैं जानता हूं कि उनके दिल में क्या है और वह क्या बोल रहे हैं ।
[removed]#WATCH @RahulGandhi, Congress: I am leader of the opposition, I am bringing the attention of people of India to a very serious problem. The central problem is that our biggest strength which was our economy has now become a huge weakness. https://t.co/OBvncR2QpJ
— Local News Of India (@LniNewsDelhi) March 12, 2020
राज्यसभा के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं हूं। उम्मीदवारों का चयन मैं नहीं करता। मैं देश के युवाओं को अर्थव्यवस्था के हालात के बारे में बता रहा हूं।
इससे पहले राहुल गांधी ने इस बात का खंडन किया था कि कांग्रेस से इस्तीफा देने से पहले सिंधिया ने सोनिया गांधी और उनसे मिलने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में इकलौते ऐसे शख्स थे, जो कभी भी मेरे घर आ सकते थे।
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होते वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया पुरानी पार्टी पर खूब बरसे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जड़ता की शिकार हो गई है और नए नेतृत्व के लिए सही वातावरण नहीं है। उन्होंने मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर किसानों-युवाओं से किए वादे न निभाने तथा भ्रष्टाचार में डूबे रहने का आरोप लगाया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 वर्षों तक कांग्रेस में रहे। उन्होंने 10 मार्च को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया और 11 मार्च को जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन की। सिंधिया के साथ-साथ कांग्रेस के 19 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई।
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