राजधानी दिल्ली में बेकाबू होते कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण के साथ ही यहां कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़कर 417 हो गई है। वहीं, कोरोना को फैलने से रोकने के लिए अब तक लगभग 2.45 लाख लोगों की जांच की गई है।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि कंटेनमेंट जोन की संख्या अभी और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद अधिकारियों को कुछ जिलों में ऐसे इलाकों की पहचान का काम फिर से पूरा करना है। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे इलाकों के पुन: मानचित्रण से पहले दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या 280 थी।
एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि हमने शहर भर में होने वाले डोर-टू-डोर सर्वे में कोरोना के लिए लगभग दो लाख लोगों की स्क्रीनिंग की है। साथ ही, कोरोना के कंटेनमेंट जोन में 45,000 लोगों की जांच की गई है।
डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया 6 जुलाई तक पूरी करनी होगी। 2011 की जनगणना के अनुसार, राजधानी दिल्ली में 34.35 लाख से अधिक घर थे, जिसमें शहरी क्षेत्रों में
33.56 लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में 79,574 घर थे।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी COVID-19 रेस्पॉन्स प्लान के अनुसार, 30 जून तक कंटेनमेंट जोन का पुन: मानचित्रण पूरा किया जाना है। नए नियमों के तहत, अधिकारियों को बड़े स्तर के बजाय निम्न स्तर पर कंटेनमेंट जोन को परिसीमित करना होगा।
राजधानी के लोगों में COVID-19 संक्रमण का पता लगाने के लिए दो सदस्यों वाली करीब 1,100 टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें 'एसएस कोरोना' मोबाइल एप्लिकेशन से लैस हैं, जो सरकार द्वारा स्थापित एक रियल टाइम वेब पोर्टल पर सारी जानकारी अपलोड करेंगी।
अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं और वो भले की केंद्र सरकार के आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल कर रहे हों या नहीं, ये टीमें अपने मोबाइल एप्लिकेशन में हर व्यक्ति का नाम-पता, आयु, और मोबाइल नंबर जैसे जरूरी डिटेल के अलावा उनके यात्रा इतिहास जैसी जानकारी भी दर्ज कर रही हैं।
अधिकारियों ने पहले भी कहा था कि कोरोना कंटेनमेंट जोन में स्क्रीनिंग को अंजाम देने के लिए इसी मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग किया जा रहा है।
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