विधायकों को भेजा गया हाईकमान का संदेशकांग्रेस नेता अविनाश पांडे जयपुर में मौजूद महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायकों से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में अविनाश पांडे विधायकों को कांग्रेस आलाकमान का संदेश बताएंगे। अविनाश पांडे के साथ केसी पाडवी और विजय वेडट्टीवार भी मौजूद रहेंगे।
सोनिया के घर पहुंचने लगे नेतासोमवार को कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक बेनतीजा रहने के बाद आज फिर से सोनिया गांधी के आवास पर मीटिंग बुलाई गई है। बैठक में महाराष्ट्र को लेकर चर्चा की जानी है। केसी वेणुगोपाल और एके एंटनी मीटिंग के लिए पहुंच गए हैं।
आज समर्थन पत्र देना मुश्किल- अजित पवारएनसीपी को राज्यपाल ने सरकार बनाने का ऑफर दिया है। एनसीपी के पास रात 8.30 बजे तक सरकार बनाने का दावा पेश करने का वक्त है। इस मसले पर एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि रात 8.30 बजे तक विधायकों के समर्थन के बारे में बताना मुश्किल है, क्योंकि कांग्रेस नेता दिल्ली में हैं, कांग्रेस विधायक जयपुर और दिल्ली में हैं।
राउत से मिलने पहुंचे पवारशिवसेना नेता संजय राउत से लीलावती अस्पताल में मिलने के लिए एनसीपी चीफ शरद पवार पहुंचे हैं।
राउत से मिलने अस्पताल पहुंचे शरद पवारमहाराष्ट्र में सियासी खींचतान के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार संजय राउत से मिलने अस्पताल पहुंचे हैं। सोमवार दोपहर संजय राउत की तबीयत बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अजित पवार ने कांग्रेस पर फोड़ा ठीकराएनसीपी नेता अजित पवार ने कहा है कि कल (सोमवार) हमने पूरा दिन कांग्रेस के समर्थन पत्र का इंतजार किया क्योंकि कांग्रेस के बिना हमारे समर्थन का कोई मतलब नहीं है। अजित पवार ने ये भी कहा कि स्थायी सरकार देने के लिए कांग्रेस को आना चाहिए। अजित ने ये भी स्पष्ट किया कि हमारी तरफ से कोई देरी नहीं है। पवार ने कहा कि हम कांग्रेस से बात करेंगे और राज्यपाल से ज्यादा वक्त मांगने की कोशिश करेंगे।
संजय निरुपम के बागी तेवर...कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस के पास सरकार बनाने के लिए कोई नैतिक अधिकार नहीं है, ये बीजेपी और शिवसेना का फेलियर है कि उन्होंने राज्य को राष्ट्रपति शासन के कगार पर खड़ा कर दिया है। '
संजय राउत ने फिर किया ट्वीट...सत्ता को लेकर हलचल के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार ट्वीट किया है। संजय राउत ने लिखा कि "लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, बच्चन. हम होंगे कामयाब, जरूर होंगे।
महाराष्ट्र में शिवसेना को समर्थन देने के लिए 10 जनपथ में लंबी मीटिंग
चल रही थी। इस दौरान मीडिया में खबर आती है कि कांग्रेस शिवसेना-एनसीपी की संभावित सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार है, खबरें यहां तक आईं कि कांग्रेस इस सरकार को बाहर से समर्थन देगी और बदले में विधानसभा में स्पीकर का पद मांग सकती है। लेकिन 10 जनपथ के बोर्ड रूम में कुछ और ही चल रहा था। शरद पवार को सोनिया का एक कॉल...और महाराष्ट्र में अटक गई सरकार।
क्या महाराष्ट्र में लगेगा राष्ट्रपति शासन?महाराष्ट्र में पिछले 48 घंटे में राजनीतिक घटनाक्रम पूरी तरह से बदल गया है। पहले शिवसेना को न्योता मिला लेकिन वह 24 घंटे में समर्थन पत्र नहीं जुटा पाई, ऐसा ही अब एनसीपी के साथ हुआ है। अगर एनसीपी 24 घंटे में समर्थन नहीं जुटा पाती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन के आसार बढ़ सकते हैं।
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे की अगुवाई में जब पार्टी नेता राज्यपाल से मिलने पहुंचे तो उन्होंने समर्थन पत्र देने के लिए कुछ अधिक समय की मांग की। लेकिन राज्यपाल की ओर से अधिक समय देने को मना कर दिया। आदित्य ने कहा कि सरकार बनाने के लिए हमने दो पार्टियों से बात शुरू की है, जो आगे बढ़ रही है।
भाजपा से नाता तोड़ जब शिवसेना ने एनसीपी का साथ लेने का सोचा तो इस कहानी में कांग्रेस का भी अहम किरदार सामने आया। कांग्रेस के कई विधायकों ने शिवसेना का साथ देने की बात कही, लेकिन अंतिम फैसला सोनिया गांधी के हाथ में ही रहा। कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई, लेकिन उसमें तय नहीं हो पाया कि समर्थन देना है या नहीं। आज कांग्रेस पार्टी समर्थन के मसले पर फाइनल फैसला लेगी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर अब हर किसी की नज़र है। क्योंकि सरकार किस तरह बनेगी वह सब उनके ही हाथ में है। भाजपा के बाद जब शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया, तो वह एनसीपी-कांग्रेस के समर्थन को साबित नहीं कर पाई। सोमवार को दिनभर चले घटनाक्रम में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात की, लेकिन NCP-कांग्रेस की ओर से समर्थन का पत्र नहीं दिया गया।
महाराष्ट्र में सत्ता का संघर्षमहाराष्ट्र में सत्ता का संघर्ष अपने चरम पर चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी के सरकार बनाने से मना करने के बाद राज्यपाल के द्वारा पहले शिवसेना और अब राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया गया है। शिवसेना के पास विधायकों का समर्थन दिखाने के लिए 24 घंटे का समय था, लेकिन उसने कुछ समय मांगा इसके बाद राज्यपाल की ओर से एनसीपी को न्योता दे दिया गया।
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