आम आदमी पार्टी दिल्ली में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। दो बजे तक के रुझानों में अरविंद केजरीवाल की पार्टी 50 से अधिक सीटों पर आगे चल रही है। पार्टी की इस जीत के पीछे कई वजहें हैं। राजनैतिक जानकारों के मुताबिक, भले ही बीजेपी के सुधरे प्रदर्शन की वजह सीएए के विरोध में शाहीन बाग के जारी प्रदर्शन हो लेकिन इसका फायदा आम आदमी पार्टी को भी मिला है। हालांकि, पूरे चुनाव प्रचार के दौरान दोनों दलों के मुकाबले कहीं नहीं दिखाई दी कांग्रेस का बंटाधार होता दिख रहा है। अब तक के रुझानों में कांग्रेस को किसी भी सीट पर जीत नहीं मिल रही है।
जानकारों की मानें तो बीजेपी ने जब आक्रामक चुनाव प्रचार में शाहीन बाग के मुद्दे को जोरशोर से उठाया तो उसके बाद से ही अल्पसंख्यक वोटर्स नहीं बंटे और एकजुट होकर वोट आम आदमी पार्टी को कर गए। आमूमन तौर पर अल्पसंख्यक वोट्स कांग्रेस को मिलते रहे हैं, लेकिन इस बार 'आप' ने इन वोटों में सेंध लगा दी। चुनाव आयोग के अनुसार, आम आदमी पार्टी को इस बार तकरीबन 54 फीसदी वोट मिल रहे हैं। हालांकि, पार्टी को कुछ सीटों का नुकसान जरूर हुआ है। पिछले 2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 67 सीटें जीती थीं। लेकिन अब वह 57 सीटों के आसपास है।
अब तक के बीजेपी के वोट प्रतिशत की बात करें तो लगभग 39% मत मिले हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी को 33% वोट मिले थे। इस हिसाब से बीजेपी के वोट प्रतिशत में छह फीसदी वोट का इजाफा हुआ
है। इस बढ़ोतरी के पीछे शाहीन बाग के मुद्दे को उठाना माना जा रहा है। पार्टी की सीटें भी पिछली बार तीन के मुकाबले बढ़कर 13 के आसपास हो रही हैं। कांग्रेस के वोट पिछली बार से और घट गए हैं। पिछली बार कांग्रेस को 9.65% मत मिले थे। इस बार घटकर 4% के आसपास आ गया है।
जानकारों की मानें तो चुनाव से कुछ लगभग लड़ाई से बाहर दिख रही बीजेपी ने आखिरी समय में शाहीन बाग के प्रदर्शन का मुद्दा उठाकर टक्कर लेने की कोशिश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी से लेकर पार्टी के तमाम नेताओं ने अपनी रैलियों में शाहीन बाग के प्रदर्शन का जिक्र किया। बीजेपी ने पूरे चुनाव के दौरान इसे अहम मुद्दा बनाया। इसका फायदा भी बीजेपी को हुआ। हालांकि, यह मुद्दा बीजेपी को इतना फायदा नहीं पहुंचा सका कि पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में आ जाए। लेकिन यह जरूर है कि शुरुआती समय में पूरी तरह से एक तरफा जा रहा चुनाव आखिरी वक्त में टक्कर में आ गया।
दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले डेढ़ महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन जारी है। यह प्रदर्शन संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ चल रहा है। प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी सड़कों को ब्लॉक करके लोगों के लिए असुविधा पैदा नहीं कर सकते। कोर्ट ने पुलिस, केंद्र और दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी किया है।
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