भारत से बिगड़े रिश्ते का चालाकी से फायदा उठा रहा चीन

Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। No Entry के सीक्वल में आइये जानते है कौन से यंग सितारे नजर आएँगे कर्नाटक-कॉलेज कैंपस में हुई वारदात गुजरात में मिले 4.7 करोड़ वर्ष पुराने अवशेष आज का राशिफल चमकीला के लिए अंजुम बत्रा ने दो महीने में सीखा ढोलक बजाना Lok Sabha Election 2024: चेन्नई में वोटिंग शुरू हुई,साथ फिल्मी सितारे भी पोलिंग बूथ के बाहर नजर आए बरतें सावधानी-कुत्तों के साथ साथ,दूसरे जानवरों के काटने से भी होता है रेबीज का खतरा चिराग पासवान के समर्थन में RJD की शिकायत लेकर आयोग पहुंची BJP क्रू ने बॉक्स ऑफिस पर अब तक कितने करोड़ कमाए शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा पर ED का एक्शन,98 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त आइये जानते है किस कारण से बढ़ सकता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा रामनवमी जुलूस पर हुई हिंसा को लेकर राज्यपाल को लिखा पत्र गॉर्लिक-बींस से बनने वाला टेस्टी सलाद प्रदोष व्रत 2024:आइये जानते है प्रदोष व्रत और शुभ मुहूर्त इन ड्रिंक्स की मदद से Vitamin D की कमी को दूर करे बेंगलुरु-रामनवमी पर हिंसा की घटना सामने आई सलमान खान फायरिंग मामले-मुंबई क्राइम ब्रांच ने आरोपियों से पूछताछ शुरू की कलरएसेंस वाले नंदा का गोरखधंधा चोर ठग या व्यवसायी गर्मियों में पेट को ठंडा रखने के लिए बेस्ट हैं ये 3 ड्रिंक्स

भारत से बिगड़े रिश्ते का चालाकी से फायदा उठा रहा चीन

Gauri Manjeet Singh 01-08-2020 12:19:09

भारत और नेपाल के बीच आपसी रिश्तों में खटास का फायदा चीन लगातार उठा रहा है। एक बार फिर से चीन ने नेपाल को अपने शब्दों के बाण से फांसने और उसे भारत से दूर करने की कोशिश की है। शनिवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई में चीन के शीर्ष नेतृत्व ने चीन-नेपाल मित्रता के निरंतर विकास की सराहना करते हुए कहा कि बीजिंग ने हमेशा काठमांडू को अपने बराबर माना है। चीन की यह प्रतिक्रिया इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत के साथ बीते कुछ समय से नेपाल के रिश्ते अच्छे नहीं हैं, वहीं चीन के साथ उसके संबंध लगातार बेहतर हो रहे हैं। 

चीन और नेपाल के बीच द्विपक्षीय संबंधों की स्थापना की 65 वीं वर्षगांठ पर नेपाली समकक्ष बिद्या देवी भंडारी के साथ बधाई संदेशों का आदान-प्रदान करते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि चीन नेपाल के साथ द्विपक्षीय संबंधों की निरंतर प्रगति के लिए आगे बढ़चढ़ कर काम करेगा। शनिवार सुबह आधिकारिक मीडिया में प्रकाशित एक बयान के अनुसार, शी ने कहा कि दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे का सम्मान किया, एक-दूसरे के साथ समान व्यवहार किया, राजनीतिक आपसी विश्वास बढ़ाया और पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग को गहरा किया।

शी जिनपिंग ने आगे कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में दोनों देश कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं और दोनों पक्षों ने चीन-नेपाल के बीच दोस्ती का नया अध्याय लिखा है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए नेपाली समकक्ष विद्या देवी भंडारी ने बीजिंग और शी जिनपिंग की तारीफ की। उन्होंने कहा कि नेपाल मानव जाति के लिए साझा भविष्य के साथ एक समुदाय के निर्माण के चीन द्वारा प्रस्तावित दृष्टिकोण का स्वागत करता है और बेल्ट एंड रोड के सह-निर्माण पर सहयोग में सक्रिय रूप से शामिल है। 

इसके अलावा, अलग से चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग ने अपने समकक्ष प्रधानमंत्री केपी
शर्मा ओली के साथ चीन और नेपाल के बीच आपसी विश्वास और दोस्तीको बढ़ाने के बारे में बात की। ली ने कहा कि चीन विभिन्न क्षेत्रों में उच्च स्तरीय निर्माण और बेल्ट एंड रोड पहल में चौतरफा सहयोग को मजबूत करने के लिए नेपाल के साथ काम करने के लिए तैयार है और यह द्विपक्षीय संबंधों को नए स्तरों तक ले जा सकता है। वहीं ओली ने अपने बधाई संदेश में कहा कि राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से  द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर विकास देखा गया है।

दरअसल, जून में नेपाल ने अपने देश का एक संशोधित मैप जारी किया था, जिसके बाद से भारत के साथ उसके रिश्ते थोड़े खराब हुए हैं। नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें उसने कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को अपने क्षेत्र में दिखाया है। जबकि भारत ने नवंबर 2019 में जारी नक्शे में ट्राई जंक्शन को रखा था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में चीन के साथ लगी सीमा के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर सड़क को खोला था, जो लिपुलेख पास के पास खत्म होता है। नेपाल ने सड़क को खोले जाने पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, भारत ने इसे इसलिए बनाया ताकि कैलाश मानसरोवर की यात्रा आसान हो जाए।

इधर नई दिल्ली का मानना है कि चीन के इशारे पर ही काठमांडू इस पुराने विवाद पर सिनाजोरी कर रहा है। भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवने ने भी इस इशारा किया था कि नेपाल भारत की नई सड़क का विरोध इसलिए कर रहा है, क्योंकि उसे कोई उकसा रहा है। 

वहीं, नेपील प्रधानमंत्री के पी ओली ने जून में आरोप लगाया था कि भारत उसे सत्ता से बेदखल करने के लिए ऐसी साजिश रच रहा है। इतना ही नहीं, केपी ओली ने एक और चौंकाने वाला बयान दिया था कि वास्तविक अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि नेपाल में है। 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :