नागरिकता संशोधन कानून 2019 को लेकर पूर्वोत्तर, बंगाल के बाद रविवार को दिल्ली में प्रदर्शन हिंसक हो गया। सुबह से ही जामिया इलाके में लोग सड़कों पर उतर आए। इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में कारों और बसों में आग लगा दी। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसूगैस छोड़ी और लाठीचार्ज किया। भीड़ ने जामिया कैंपस में भी तोड़-फोड़ की। वहीं, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस पर जबरन कैंपस में घुसने और छात्रों और स्टाफ के साथ मारपीट का आरोप लगाया है। इधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी से शांति की अपील की है।
रविवार दोपहर को भीड़ ने डीटीसी की 3 बसों में आग लगा दी। आग बुझाने के लिए दमकल की 4 गाड़ियां मौके पर पहुंची, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी में भी तोड़फोड़ कर दी। घटना में एक फायरमैन घायल हो गया। सड़क पर हिंसा के बाद भीड़ जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में तोड़फोड़ की। इसके बाद दिल्ली पुलिस जामिया कैंपस पहुंची। यूनिवर्सिटी के सभी गेट बंद कर दिए गए। पुलिस ने विश्वविद्यालय के गेट नंबर 1 के बाहर कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया।
जामिया के चीफ प्रोक्टर वसीम अहमद खान ने कहा- पुलिस को अंदर आने की इजाजत नहीं दी गई थी, लेकिन वह जबरदस्ती यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसी। हमारे स्टाफ और छात्रों के साथ मारपीट करके उन्हें कैंपस से बाहर निकाल दिया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी से शांति की अपील की है। उन्होंने कहा, “किसी को भी हिंसा नहीं करना चाहिए। यह स्वीकार्य नहीं है औऱ इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही रहना चाहिए।”
इससे पहले जामिया यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने हिंसा में अपने छात्रों के शामिल होने से इनकार किया था। पीआरओ अहमद अजीम ने न्यूज चैनल से कहा- 13 दिसंबर को जब प्रदर्शन उग्र हुआ था, तो उसमें बाहरी लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली थी। उसी दिन हमने विंटर वेकेशन का ऐलान कर दिया था। यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी तक छुट्टी घोषित कर दी गई। हमारे छात्र घर जा रहे हैं। आज के प्रदर्शन में हमारे बच्चे शामिल नहीं हैं। हिंसा को देखते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने सुखदेव विहार, जामिया मिलिया इस्लामिया, ओखला विहार, जसोला विहार और शाहीन बाग स्टेशन पर आवाजाही बंद कर दी है। इन सभी स्टेशनों पर मेट्रो नहीं रुकेगी।
न्यूज एजेंसी ने घटनास्थल का एक वीडियो भी जारी किया। इसमें आम आदमी पार्टी के विधायक अमानातुल्लाह खान प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसा वाले स्थान पर नजर आए। पुलिस हिंसा के पीछे किन लोगों का हाथ है, इसकी जांच कर रही है, लेकिन दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने हिंसा के पीछे आम आदमी पार्टी का हाथ बताया है।
शनिवार को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। ओवैसी ने नागरिकता कानून को संविधान का उल्लंघन करार दिया है। याचिका में कहा, ‘‘सुप्रीम
कोर्ट को एक आदेश पारित कर नागरिकता बिल के सेक्शन 2, 3, 5 और 6 को असंवैधानिक घोषित करना चाहिए। ये सेक्शंस अनुच्छेद 14, 21 और 25 का उल्लंघन करते हैं।’’ ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी मांग की कि गृह मंत्रालय के 7 सितंबर 2015 के नोटिफिकेशन जीएसआर 685 (ई) और 18 जुलाई 2016 के नोटिफिकेशन जीएसआर 702 (ई) को असंवैधानिक घोषित किया जाए।
असम में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया, सांसद अब्दुल खालिक और रूपज्योति कुर्मी ने कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
असम में भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद ने भी कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की तरफ से याचिका दायर करेंगे।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र संगठन ऑल असम स्टूडेंट यूनियन ने कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। संगठन के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा सरकार ने असम के लोगों के साथ धोखा किया।
तृणमूल सांसद महुआ मित्रा ने सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता कानून को चुनौती दी है।
पश्चिम बंगाल में भी प्रदर्शन जारी
नागरिकता कानून के विरोध में शनिवार को बंगाल में कई शहरों में हिंसा और आगजनी हुई। कोलकाता के पास हावड़ा में प्रदर्शनकारियों ने हाईवे जाम कर 16 बसों में आग लगा दी। कई अन्य वाहनों और दफ्तरों में तोड़फोड़ की। भीड़ ने संकराइल स्टेशन कॉम्पलेक्स पर धावा बोला, यहां आगजनी और तोड़फोड़ की। इस दौरान आरपीएफ के जवानों से मारपीट भी की गई। प्रदर्शनकारियों ने 5 ट्रेनों में भी आग लगा दी। पूर्वी रेलवे ने सियालदह-हसनाबाद के बीच ट्रेन सेवा रद्द कर दी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करें और कानून हाथ में न लें।
उधर, भाजपा ने इस स्थिति के लिए तृणमूल सरकार को जिम्मेदार ठहराया और राष्ट्रपति शासन की मांग की। पार्टी का कहना है कि बंगाल में हिंसक प्रदर्शन के पीछे बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं और ममता सरकार का उन्हें पूरा समर्थन है। भाजपा ने कहा है कि वह दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, गुवाहाटी और लखनऊ में 14-18 दिसंबर के बीच नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जागरूकता अभियान चलाएगी। नागरिकता संशोधन बिल 9 दिसंबर को लोकसभा और 11 दिसंबर को राज्यसभा से पास हो गया था। 12 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दस्तखत के बाद यह कानून बन गया। कानून को लेकर पूर्वोत्तर राज्यों में लगातार प्रदर्शन-हिंसा हो रहा है।
असम के मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा। इसमें नागरिकता कानून को लेकर राज्य में पैदा हुए हालात पर चर्चा होगी। असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने शनिवार को कहा कि हिंसा भड़काने के लिए 85 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। महंत ने यह भी कहा कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है। हिंसा भड़काने वाले लोगों पर सख्ती बरती जाएगी। लोग अफवाह फैलाने वालों सूचना अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें।
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