यूजीसी की नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद स्पष्ट होंगी फाइल ईयर की परीक्षाएं

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यूजीसी की नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद स्पष्ट होंगी फाइल ईयर की परीक्षाएं

Deepak Chauhan 03-07-2020 12:36:59

देश के कई विश्वविद्यालय और फाइल ईयर के स्टूडेंट्स बेसब्री से यूजीसी की नई गाइडलाइंस का इंतजार कर रहे हैं। नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि फाइल ईयर की परीक्षाएं रद्द होंगी या फिर बाद में ली जाएंगी। यह भी साफ होगा कि परीक्षा रद्द होने पर स्टूडेंट्स को किस फॉर्मूले के आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे। 2020-2021 के एकेडमिक कैलेंडर के बारे में भी तब ही स्थिति साफ हो पाएगी। लेकिन यूजीसी के दिशा-निर्देश जारी होने से पहले देश के कई विश्वविद्यालय परीक्षाओं को लेकर फैसला ले चुके हैं। 

गुरुवार को कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने फैसला लिया अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर स्टूडेंट्स को इंटरनल असेसमेंट और पिछले सेमेस्टरों में प्रदर्शन के आधार पर पास किया जाएगा। इसमें 20 फीसदी मार्क्स इंटरनल असेसमेंट से और 80 फीसदी मार्क्स पिछले बेस्ट सेमेस्टरों से दिए जाएंगे। एकेडमिक ईयर 2019-20  में फाइनल ईयर/सेमेस्टर वर्षों में BA/B.Sc. पार्ट III और B.Com पार्ट III ओल्ड (1+1+1) में पिछले दो सालों के मार्क्स का बेस्ट एग्रीगेट परसेंटेज से 80 फीसदी मार्क्स दिए जाएंगे जबकि इंटरनल असेसमेंट से 20 फीसदी मार्क्स दिए जाएंगे।   


पटना वीमेन्स कॉलेज ने सभी स्टूडेंट्स को किया प्रमोट

उधर कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पटना वीमेन्स कॉलेज ने 6 जुलाई से सेमेस्टर 3 और 5 का क्लास शुरू करवाने का फैसला लिया है। इस बाबत कॉलेज ने सभी छात्राओं को अगले सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया है। कॉलेज के एग्जामिनेशन सेल और एकेडमिक काउंसिल ने शैक्षणिक गतिविधियों को चालू रखने के लिए उन सभी छात्राओं को प्रमोट कर दिया है जिन्होंने एंड सेम एग्जाम के फॉर्म भरे थे। 

हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सभी स्टूडेंट्स की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। स्टूडेंट्स को उनके पहले के पेपरों में प्रदर्शन के आधार पर पास किया जाएगा।    

पंजाब सरकार ने राज्य विश्वविद्यालयों की सभी परीक्षाओं को 15 जुलाई तक स्थगित कर दिया है। COVID-19 महामारी के बीच परीक्षाएं आयोजित किए जाने को लेकर छात्रों और अभिभावकों ने चिंता जाहिर की थी। राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, इस मामले पर अंतिम फैसला विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी होने वाले नए दिशा-निर्देशों पर निर्भर करेगा। ऐसे में ये निर्देश किसी भी समय जारी होने की उम्मीद है।


गुजरात

वहीं, गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी (जीटीयू) के फाइनल ईयर के छात्रों ने यूजीसी को पत्र लिखकर परीक्षाएं रद्द कर पिछले सेमेस्टर की परीक्षा या मेरिट के आधार पर रिजल्ट जारी करनवाने की मांग की है। 


दिल्ली

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने फाइनल ईयर के छात्रों के लिए ओपन बुक एग्जाम का नया शेड्यूल जारी कर दिया है। अब ये परीक्षाएं 10 जुलाई से शुरू होंगी। पहले यह 1 जुलाई से शुरू हो रही थीं।


राजस्थान यूनिवर्सिटी ने जारी की परीक्षा की डेटशीट

राजस्थान यूनिवर्सिटी ने यूजी फाइनल ईयर एग्जाम का टाइम टेबल घोषित कर दिया है। परीक्षाएं 15 जुलाई से शुरू होंगी। जो कि 7 सितंबर तक चलेंगी। परीक्षा कार्यक्रम विवि की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। परीक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। सभी परीक्षार्थियों,
शिक्षक और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनकर आना होगा। प्रवेश से पहले विद्यार्थियों की थर्मल स्कैनर से जांच और हैंड सेनेटाइज करना जरूरी होगा। 


उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय

छात्रों को अगली क्लास में कैसे किया प्रमोट, यूपी सरकार कर रही फॉर्मूले पर मंथन

उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं रद्द कर छात्रों को अगली कक्षाओं में भेजने के मामले में गुरुवार को कोई आदेश जारी नहीं हो सका। छात्रों को परीक्षाएं कराए बगैर अगली कक्षाओं और अगले सेमेस्टर में प्रमोट करने के फॉर्मूले पर मंथन जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को उनके सरकारी आवास पर हुई बैठक में ही परीक्षाएं निरस्त करने का फैसला ले लिया गया था। परीक्षाओं के संबंध में गठित चार कुलपतियों की कमेटी ने परीक्षाएं निरस्त कर छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रोन्नत करने की सिफारिश की थी। बैठक में यह भी तय किया गया था कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की गाइड लाइन देखने के बाद छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रोन्नत करने का फारमूला तय किया जाएगा। कुलपतियों की कमेटी ने वार्षिक व सेमेस्टर प्रणाली के तहत होने वाली परीक्षाओं के संबंध में अपनी स्पष्ट राय दी है। 

सूत्रों के अनुसार आंतरिक मूल्यांकन और पिछली कक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रोन्नत करने का फैसला लिया जा सकता है। हालांकि इसमें एक पेंच यह भी है कि कुछ राज्य विश्वविद्यालयों में कई प्रश्नपत्रों की परीक्षाएं हो चुकी हैं। ऐसे में एक प्रस्ताव यह भी है कि जिन प्रश्नपत्रों की परीक्षा हो चुकी है, उनका मूल्यांकन करा लिया जाए। फिर कोरोना संकट को देखते हुए मूल्यांकन कराना भी आसान नहीं है। खुद शिक्षक ही इसका विरोध कर रहे हैं। इसी तरह कई विश्वविद्यालयों में आंतरिक मूल्यांकन की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में केवल पिछली कक्षा या सेमेस्टर में प्राप्त अंकों के आधार पर ही अंक देकर अगली कक्षा या सेमेस्टर में प्रोन्नत करना होगा। अंतिम वर्ष के छात्रों को पिछले दो वर्षों की परीक्षा में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक दिए जा सकते हैं। प्रथम वर्ष के छात्रों को ऐसे ही प्रोन्नत किया जा सकता है, उनके अंकों का निर्धारण द्वितीय वर्ष में मिलने वाले अंकों के आधार पर किया जा सकता है। ऐसी संभावना है कि एक-दो दिनों में विभाग किसी नतीजे पर पहुंच जाएगा। 


इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षाएं लटकीं

इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों में नए सत्र में दाखिले के लिए कोरोना काल में प्रवेश परीक्षा कराने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि इविवि प्रशासन प्रवेश परीक्षा कराने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी की जाने वाली गाइडलाइन ( UGC Guidelines 2020 ) का इंतजार कर रहा है। यूजीसी की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद प्रवेश प्रकोष्ठ बैठक कर प्रवेश परीक्षा पर अंतिम निर्णय लेगा। 1 अगस्त को प्रवेश परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। 

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में स्नातक और परास्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा स्थगित हो गई है। यह परीक्षा 4 जुलाई से होनी थी। एमएमएमयूटी को भी गाइडलाइंस का इंतजार है। 

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