केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर CAA पर रोक लगाने से SC का इंकार, अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद

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केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर CAA पर रोक लगाने से SC का इंकार, अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद

Deepak Chauhan 22-01-2020 12:12:33

नागरिकता कानून के खिलाफ याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। नागरिकता कानून पर फिलहाल रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट नागरिकता कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ का गठन करेगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र का पक्ष सुने बिना सीएए पर कोई स्थगन आदेश जारी नहीं करेगा। नागरिता कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है और कहा है कि अब अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर फैसला सुनाने तक सभी उच्च न्यायालयों के सीएए संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करने पर भी रोक लगा दी है। दरअसल, प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ सीएए की वैधता को चुनौती देने वाली 143 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। हालांकि, इसके अलावा सीएए के पक्ष में केंद्र सरकार की भी एक याचिका है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ने केंद्र को सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब देने के लिए चार हफ्ते का वक्त
दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि सीएए का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं को किसी भी तरह की अंतरिम राहत देने संबंधी आदेश चार हफ्ते बाद ही जारी किया जाएगा। फिलहाल इस पर किसी तरह की रोक नहीं है। 

केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि 143 याचिकाओं में से करीब 60 की प्रतियां सरकार को दी गई हैं। उन्होंने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली उन याचिकाओं पर जवाब देने के लिए सरकार को समय चाहिए जो उसे अभी नहीं मिल पाई हैं।

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय से सीएए के क्रियान्वयन पर रोक लगाने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की कवायद फिलहाल टाल देने का अनुरोध किया था।


क्या है नागरिकता कानून:

संशोधित कानून के अनुसार धार्मिक प्रताड़ना के चलते 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने गुरुवार की रात नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को स्वीकृति प्रदान कर दी थी जिससे यह कानून बन गया था।

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