नागरिकता संशोधन बिल पर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के समर्थन से प्रशांत किशोर नाराज चल रहे हैं। जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट के जरिये भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी और इस बिल पर नीतीश कुमार से राज्यसभा में समर्थन न करने की अपील की थी। मगर जदयू ने संसद के दोनों सदनों में इस बिल का समर्थन किया। इसके बाद से ही प्रशांत किशोर को लेकर अटकलों का दौर जारी है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रशांत किशोर जदयू से इस्तीफा देने वाला हैं, मगर इस पर खुद प्रशांत किशोर ने भी कुछ नहीं कहा।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जब जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर से पूछा गया कि क्या वे पार्टी में अपने पद से इस्तीफा देंगे, तो इस पर उन्होंने कहा कि मुझे जो कहना था मैंने कहा। आगे अब मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद ही कुछ बोलूंगा।
दरअसल, जद(यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को अपनी पार्टी द्वारा समर्थन दिए जाने पर बुधवार को कहा
था कि जद(यू) नेतृत्व को उन लोगों के बारे में विचार करना चाहिए जिन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में उनमें आस्था और विश्वास को दोहराया था।
प्रशांत किशोर ने बुधवार को ट्वीट में कहा था, कैब का समर्थन करते हुए, जद(यू) नेतृत्व को एक पल के वास्ते उन सभी के बारे में विचार करना चाहिए, जिन्होंने 2015 में उनमें आस्था और विश्वास को दोहराया था। हालांकि, नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी और मंत्रिमंडल में शामिल संजय झा ने कहा, “पार्टी की आधिकारिक लाइन स्पष्ट है और यह संसद के जारी सत्र में सभी के लिए है। एक या दो नेता व्यक्तिगत राय व्यक्त कर सकते हैं, लेकिन इस तरह के मामलों को इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर विभाजन के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।
जद(यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और राष्ट्रीय महासचिव पवन के वर्मा ने खुले तौर पर जदयू के लोकसभा में विधेयक के पक्ष में मतदान करने पर निराशा व्यक्त करते हुए नीतीश से इसपर उच्च सदन में कानून पर बहस के दौरान फिर से विचार करने का आग्रह किया था।
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