देश के सबसे पुराने केसों में से एक अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया जा चूका है ये वही मुकदमा था जिसपर ना जाने कबसे हमारे देश की राजनैतिक पार्टियां अपने राजनैतिक मुद्दे बनाकर चुनावी रोटियां सका करती थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया है। अयोध्या में रामजन्मभूमि न्यास को विवादित जमीन दी गई है। साथ ही अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है।
फैसले की कुछ अहम् कड़िया जिनके बारे में जानना है जरुरी।
1 अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता
साफ
2 विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का आदेश
3 सुन्नी वक्फ को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का आदेश
4 पक्षकार गोपाल विशारद को पूजा अधिकार
5 निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज
6 रामलाल विराजमान को जमीन का मालिकाना हक
7 तीन महीने में केंद्र सरकार करेगी ट्रस्ट का गठन
8 राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगी ट्रस्ट
9 मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित करने में नाकाम: CJI
10 आस्था और विश्वास के आधार पर मालिकाना हक का फैसला नहीं: CJI
11 हिन्दुओं की आस्था पर कोई विवाद नहीं: CJI
12 जमीन पर मालिकाना हक कानूनी नजरिये से तय होगा: CJI
13 खुदाई में जो मिला वो इस्लामिक ढांचा नहीं है: CJI
14 खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी बाबरी मस्जिद: CJI
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