कंगना रनोट का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे इमोशनल नजर आ रही हैं। वीडियो में वे बता रही हैं कि उन्होंने हाल ही में दीपिका पादुकोण स्टारर 'छपाक' का ट्रेलर देखा, जिसके बाद उन्हें अपनी बहन रंगोली के एसिड अटैक ताजा हो गईं। कंगना के मुताबिक, एसिड अटैक के बाद रंगोली ने परिवार की खातिर जो हिम्मत दिखाई, उससे उन्हें मुश्किल हालात से पंगा लेने की ताकत मिलती है।
वीडियो में कंगना ने दीपिका पादुकोण और डायरेक्टर मेघना गुलजार का शुक्रिया अदा किया है कि उन्होंने एसिड अटैक जैसे मुद्दे पर फिल्म बनाई है। उनके मुताबिक, यह फिल्म उन दरिंदों के मुंह पर तमाचा है, जो अपनी हरकतों में तो कामयाब हो गए, लेकिन अपने इरादों में नहीं। कंगना ने 'छपाक' की टीम को शुभकामनाएं देते हुए नए साल में एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध की उम्मीद जताई है।
अक्टूबर 2019 में रंगोली ने ट्विटर पर एक के बाद एक कई फोटो शेयर कर उन पर हुए एसिड अटैक की कहानी साझा की थी। रंगोली ने कहा था कि उनके चेहरे पर एक लीटर तेजाब फेंका गया था, जिसके कारण उनका बायां कान और चेहरा बिगड़ गया। दरअसल, उस वक्त रंगोली ने 1998 में खींची गई एक तस्वीर शेयर की थी, जिसके बाद ट्विटर यूजर्स ने उनसे कॉलेज डेज की फोटो शेयर करने कहा था। तब उन्होंने अपने साथ घटना भी साझा की थी।
रंगोली ने एक ट्वीट में लिखा था, "हे भगवान हमारी बचपन की तस्वीरों पर बहुत ही रोचक प्रतिक्रियाएं मिलीं। कई दोस्तों ने मुझसे कॉलेज की तस्वीरों के बारे में भी पूछा था। हा हा, हम साइंस के स्टूडेंट थे। हमारे पास इन सबके लिए समय नहीं था। लेकिन फिर भी एनुअल डे की एक फोटो मिली।"
"इस फोटो के कुछ समय बाद ही जिस लड़के का प्रपोजल मैंने ठुकराया था, उसने मेरे चेहरे पर एक लीटर तेजाब फेंका। इसके बाद मुझे करीब 54 सर्जरी से गुजरना पड़ा। इतना ही नहीं, मेरी छोटी बहन को इतना मारा गया कि वह मरने की कगार तक पहुंच गई थी। किसलिए?"
"क्योंकि हमारे पैरेंट्स ने सुंदर, होशियाार और आत्मविश्वास से भरी बेटियों को जन्म
दिया था। दुनिया बेटियों के लिए दया नहीं रखती। यह समय हर तरह की सामाजिक बुराई से लड़ना का है। यही हमारे बच्चों के लिए सुरक्षित है।"
"मुझे नहीं पता क्या कहूं? लेकिन मैंने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी। मेरे पति तब केवल एक दोस्त थे। उन्होंने मेरे घाव धोए और सालों तक ऑपरेशन थिएटर्स के बाहर मेरा इंतजार किया। मेरी जिंदगी के लिए सबसे बड़े मददगार मेरी बहन और माता-पिता रहे। जो उन्होंने किया, उसका क्रेडिट मैं नहीं ले सकती।"
"कई लोग यह सोचकर दुखी होते हैं कि मैंने अपनी सुंदरता खो दी। लेकिन सच कहूं मुझे चिंता हो रही थी मेरी आंखों के सामने ही मेरा शरीर गल रहा था और 5 साल तक 54 सर्जरी के बाद भी डॉक्टर्स मेरे कान को दोबारा नहीं बना पाए।"
"मैंने एक आंख खो दी। इसका रेटिना ट्रांसप्लांट हुआ। डॉक्टर्स ने मेरे पूरे शरीर पर स्किन का पैच लगाया। मेरे ब्रेस्ट को भी दोबारा बनाया गया, जो बुरी तरह डैमेज हो गया था। पृथु को फीडिंग करवाने के दौरान मुझे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।"
"मैंने एक आंख खो दी। इसका रेटिना ट्रांसप्लांट हुआ। डॉक्टर्स ने मेरे पूरे शरीर पर स्किन का पैच लगाया। मेरे ब्रेस्ट को भी दोबारा बनाया गया, जो बुरी तरह डैमेज हो गया था। पृथु को फीडिंग करवाने के दौरान मुझे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।"
"आज भी मेरी स्किन गर्दन की तरफ खींच नहीं पाती। कभी-कभी इतनी बुरा अनुभव होता है कि मैं सोचती हूं कि इससे अच्छा तो मैं मर जाती। आश्चर्य है एसिड पीड़ितों संख्या भारत में बहुत अधिक है। अपराधी कुछ ही दिनों के भीतर जमानत पर बाहर आ गया था, यह भी बहुत दर्दनाक था उसे खुलेआम घूमते देख रही थी।"
"मैंने केस को फॉलो करना बंद कर दिया। ऐसे लोगों के लिए मौत की सजा क्यों नहीं होती। मेरी सुंदरता आखिरी चीज थी जिसकी मुझे चिंता थी। मैं यूनिवर्सिटी टॉपर थी, लेकिन मेरी यंग एज के सबसे अच्छे साल ऑपरेशन थिएटर में बीते। इतना ही नहीं मैं 90 प्रतिशत तक जल चुकी थी, लेकिन आज तक एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए कोई रिजर्वेशन नहीं है।"
"क्यों ? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनके बारे में हमें खुद से और अपने सिस्टम से पूछने की जरूरत है।"
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