दुनिया में कितने धर्म हैं?

पुलिस ने लेवी मांगनेवाले दो अपराधियों को हथियार सहित दबोचा Karauli : श्री महावीर जी में भगवान जिनेन्द्र की निकली रथ यात्रा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बीच स्थित नहरों का जंक्शन है खास 29 को कल्पना सोरेन गांडेय से करेगी नामांकन बीजापुर के आराध्य देव चिकटराज मेले का हुआ समापन उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लगातार जारी कांग्रेस प्रत्याशी ने किया नामांकन फॉर्म जमा - झाबुआ रामपुर पहुंचे संजय सिंह, कहा- इंडिया गठबंधन की बनेगी सरकार दंतेवाड़ा 18 नक्सली सरेंडर हमीरपुर में मतदान बढ़ाने का लिया गया संकल्प मऊ में मतदान के लिए दिलाई गई शपथ गर्मियों में बढ़ गई है गैस और अपच की समस्या Dream Girl 3 में अनन्या पांडे नहीं सारा अली खान नजर आएगी Liquor Shop Closed: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में आज से 26 अप्रैल तक बंद रहेंगे ठेके PM-चुनावी दौरा-प्रदेश मतदाता जागरूकता-प्रदेश पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे यात्रियों को किफायती मूल्य पर भोजन उपलब्ध कराएगा आज का राशिफल पीलीभीत में सड़क सुरक्षा जागरूकता को स्कूलों में दिलाई गई शपथ चुनाव प्रचार समाप्त

दुनिया में कितने धर्म हैं?

Khushboo Diwakar 11-07-2019 13:01:03

प्राचीन काल में तो बहुत सारे धर्महुआ करते थे लेकिन ईसाई और इस्लाम धर्म के उदय के बाद हजारों धर्म लुप्त हो गए। हालांकि दुनिया में अधिक से अधिक धर्म का होना अच्छी बात है लेकिन कट्टरपंथी देशों में बहुत से धर्मों का अस्तित्व मिट गया है और कुछ जो बचे हैं उनका अस्तित्व संकट में है।

फिर भी एक अनुमानित आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में धर्मों की संख्या लगभग 300 से ज्यादा होगी, लेकिन व्यापक रूप से 7 धर्म ही प्रचलित हैं हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, इस्लाम, यहूदी और वुडू। इसके अलावा पारसी, यजीदी, जेन, शिंतो, पेगन, बहाई, ड्रूज़, मंदेंस, एलामितेस आदि धर्म को मानने वालों की संख्‍या बहुत कम है।


प्राचीन अरब में यजीदी, मुशरिक, सबाईन और यहूदी धर्म प्रचलित था। यहूदी धर्म तो अब इसराइल में ही सिमट कर रह गया जबकि अन्य धर्म में से यजीदी का ही अब अस्तित्व बचा है। वह भी अपने अस्तित्व की लड़ा लड़ रहा है। ईरान में पारसी, ग्नोस्तिसिस्म, याज्दानिस्म अहल ई हक्क प्रचनल में था लेकिन वर्तमान में शिया और सूफी धर्म प्रचलन में हैं जो इस्लाम को मानने वाले हैं।

पेगन धर्म की बात करें तो यह भी मध्य एशिया में जन्मा धर्म था। पेगन धर्म को मानने वालों को जर्मन के हिथ मूल का माना जाता है, लेकिन यह रोम, अरब और अन्य इलाकों में भी बहुतायत में थे। हालांकि इसका विस्तार यूरोप में ही ज्यादा था। एक मान्यता अनुसार यह अरब के मुशरिकों के धर्म की तरह था और इसका प्रचार-प्रसार अरब में भी काफी फैल चुका था। यह धर्म ईसाई धर्म के पूर्व
अस्तित्व में था। ईसाईयत से पहले पेगन धर्म के लोगों की ही तादाद ज्यादा थी और वे अग्नि और सूर्य आदि प्राकृतिक तत्वों के मंदिर बनाकर उसमें उनकी मूर्तियां स्थापित करते थे जहां विधिवत पूजा-पाठ वगैरह होता था। हालांकि वर्तमान में नव पेगनिज्म (Neo paganism) नाम से धर्म प्रचलन में है जिसके मानने वाले 10 लाख लोग हैं।

इधर चीन, जापान, कोरिया आदि जगहों पर जेन, शिंतो और लाओत्सु, ताओ, कन्फ्यूशीवाद धर्म प्रचलन में था लेकिन बौद्ध धर्म के प्रभाव में यह सभी बौद्ध धर्म का हिस्सा बन गए। वियतनाम में बौद्‍ध के साथ ही काओ दाई धर्म भी प्रचलन में है। कोरियाई में बौद्ध के साथ ही चेनोडो मत और जुचे (Juche) नामक विचारधानरा भी भी प्रचलन में है। जापान में बौद्ध के साथ ही सिचो-नो-ले और तेनरिक्यो मत भी प्रचलन में है।

इसके अलावा दुनियभर में कई धार्मिक आंदोलन भी प्रचलन में आ गए हैं। जैसे जमैका, कैरिबियन, अफ्रीका में रस्ताफरी धार्मिक आंदोलन, जापान और ब्राजील में मेस्सिअनिटी चर्च, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और कनाडा में विक्का नामक नया धार्मिक आंदोलन भी प्रचलन में है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यूरोप और अमेरिका में ऐसे कई चर्च है जिनकी कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट से बिल्कुल ही भिन्न विचार परंपरा है। इसके अलावा स्पिरिचवलिज़्म (spiritism religion), रस्ताफ़री (Rastafari) और यूनिटेरियन सार्वभौमिकता (Unitarian universalism) जैसे कल्टभी प्रलन में हैं।

यदि हम संपूर्ण दुनिया का भ्रमण करें तो पाएंगे कि उपरोक्त जितने भी धर्मों का उल्लेख किया गया है, उन सभी के अलावा ऐसे सैंकड़ों स्थानीय धर्म है, जिनका हमने कभी नाम भी नहीं सुना होगा, लेकिन वे प्रचलन में हैं।


  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :